कर्ज के बोझ से परेशान किसान ने की आत्महत्या, एक साल में 37 किसानों ने गंवाई जान

कर्ज के बोझ से परेशान किसान ने की आत्महत्या, एक साल में 37 किसानों ने गंवाई जान

हिंगोली: महाराष्ट्र के हिंगोली जिला में पिछले एक साल में यहां पर 37 किसानों ने आत्महत्या करने का मामला सामने आने पर भी सरकार है। इस घटना के बाद सरकार बिल्कुल शांत बैठी है। हिंगोली मे पिछले तीन चार साल से यहां पर कभी तेज मूसलधार बारीश तो कभी सुखा पडने से यहां के किसान प्रकृति की मार झेल रहे है।

इस कारण बैंक से लिया हुआ कर्ज कैसा चुकता करें यह चिंता ने यहा के किसानो की निंद उडा दी है। इस साल भी खरीप सिझन मे मूसलाधार बारिश से सोयाबिन तुवर,कपास फसलों का काफी नुकसान हुआ था। इस साल हिंगोली जिला में पांच लाख से अधिक किसानों ने फसल बीमा कराने पर भी फसल बीमा कंपनी की और से यहां के देड लाख किसानों को फसल बीमा दिया गया। तो दूसरी तरफ तीन लाख  से ज्यादा किसानों को फसल बीमा मिला ही नहीं। इस को लेकर स्वाभिमानी किसान संघटन की और से फसल बीमा कंपनी के विरोध में किसानो ने आदोलन भी किया था। फिर भी बीमा कंपनी है की टस से मस है।

किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है- किसान

इस के कारण किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। इस के कारण हिंगोली जिला में फिर एक किसान ने कर्ज के बोझ से तंग आकर आत्महत्या की है। आत्महत्या करने वाला किसान सेनगाव तहसील क्षेत्र के बन गांव का रहने वाला है। किसान के पास दो एकड़ जमीन है और वह जमीन पर दो लाख से अधिक कर्ज लिया हुआ है। पिछले तीन साल से लगातार फसल नुकसान से बैक से लिया हुआ कर्ज कैसा चुकता करें। इस कारण बन गांव के किसान अभिमान वाघ उम्र 50 साल यह किसान ने खेत जाकर खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या की है।

एक साल में 37 किसानों ने की आत्महत्या

पिछले एक साल मे हिंगोली जिला क्षेत्र मे 37किसानों ने कर्ज के बोझ से तंग आकर आत्महत्या की है। यहां के किसान प्रकित की मार से फसल नुकसान होने के कारण परेशान किसान बार-बार कर्जमाफी करने की मांग सरकार से कर रहे है। फिर भी सरकार कि टस से मस बैठी है। इस कारण यहा के किसान आत्महत्या कर रहे है।

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