India-Maldives Row: भारत के पड़ोसियों पर डोरे डाल रहा ड्रैगन, जानें क्या है स्ट्रिंग ऑफ पर्ल रणनीति

India-Maldives Row: भारत के पड़ोसियों पर डोरे डाल रहा ड्रैगन, जानें क्या है स्ट्रिंग ऑफ पर्ल रणनीति

India-Maldives Row:मालदीव सरकार के मंत्रीयों को PMमोदी पर कमेंट करना भारी पड़ गया,अब वहां की सरकार ने तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया। वहां के राष्ट्रपति ने लीपापोती शुरू कर दी। इस बीच सवाल उठता है कि मालदीव के लोगों में से कौन भारत के खिलाफ इतना जहर उगल रहा है? इसका जवाब साफ है चीन।

दुनिया जानती है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू चीन के समर्थक हैं और वह भारत विरोधी राजनीति करके अपने देश की सत्ता में आये हैं। मालदीव ही नहीं चीन उसके सभी पड़ोसी देशों की ओर पैसे फेंककर भारत को उकसाता रहता है। चीन ये सब अपनी स्ट्रिंग ऑफ पर्ल रणनीति के तहत कर रहा है।

भारत के पड़ोसियों पर चीन बढ़ा रहा निवेश

दरअसल, भारत से मुकाबला करने के लिए चीन अपने पड़ोसी देशों में भारी निवेश कर रहा है। जहां तक ​​मालदीव की बात है तो भारत वहां काफी निवेश कर रहा है और 2022 तक दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे थे। लेकिन चीन की शह पर मोइज्जू की पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने सोलिह पर मालदीव को भारत को बेचने का आरोप लगाया।

भारत को देखकर चीन ने मालदीव में निवेश बढ़ाया

भारत की देखादेखी चीन भी मालदीव में लगातार निवेश बढ़ा रहा है। उसने मालदीव में अरबों डॉलर का निवेश भी किया है, ताकि भारत को पीछे छोड़ा जा सके। मालदीव की राजधानी माले में चीन से सिर्फ 830 मिलियन डॉलर लेकर एक हवाई अड्डा बनाया गया है। पहले मालदीव के एयरपोर्ट की देखरेख की जिम्मेदारी भारतीय कंपनी के पास थी लेकिन अब इसे चीनी कंपनी को दे दिया गया है।

नेपाल में ड्रैगन के कई प्रोजेक्ट

इसी तरह चीन भारत के पड़ोसी नेपाल को भी लुभाता रहता है। ड्रैगन ने नेपाल में कई प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। चीन नेपाल में हवाई अड्डे, सड़कें, कॉलेज, शॉपिंग मॉल बना रहा है और रेलवे लाइनें बिछा रहा है। खासकर नेपाल के रास्ते भारत की सीमा तक पहुंचने के लिए चीन वहां सड़कें और रेलवे बना रहा है।

म्यांमार और बांग्लादेश पर निशाना

चीन भारत के एक और पड़ोसी देश म्यांमार पर लगातार कर्ज का बोझ डालता जा रहा है। अब उसने वहां रखाइन में अंडरवॉटर पोर्ट बनाने का काम शुरू कर दिया है। म्यांमार का आर्थिक गलियारा, हाई स्पीड ट्रेन परियोजना, राजमार्ग और एक्सप्रेसवे सभी चीन पर निर्भर हैं।

चीन बांग्लादेश के साथ भी कुछ ऐसा ही कर रहा है। अपने वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट के लिए वह म्यांमार से पहले दिसंबर 2016 में ही बांग्लादेश को अपने जाल में ले चुका है। वहां पेरा बंदरगाह भी चीनी कंपनियों द्वारा 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश से बनाया जा रहा है।

कर्ज के बोझ में दबा पाकिस्तान

भारत के खिलाफ पाकिस्तानी गतिविधियों में कहीं न कहीं चीन का हाथ है। यह बंदरगाह वन बेल्ट वन रोड परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। इसके लिए चीन ने पाकिस्तान को 10 अरब डॉलर का कर्ज दिया है। वहीं, चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के नाम पर चीन ने उस पर 62 अरब डॉलर का कर्ज बोझ लाद दिया है। चीन ग्वादर में ही एक कॉलोनी बसा रहा है, जहां पांच लाख चीनी रहेंगे।

श्रीलंकाई बंदरगाहों पर कब्ज़ा

ड्रैगन ने श्रीलंका में वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट के लिए अरबों डॉलर का निवेश भी किया है। साथ ही वह भूटान और अफगानिस्तान जैसे भारत के करीबी देशों की भी मदद करने में लगा हुआ है।

कुल मिलाकर चीन भारत के हर पड़ोसी देश के साथ मजबूत रिश्ते दिखाना चाहता है। इसके लिए वह बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। लेकिन, दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चार दर्जन से ज्यादा छोटे देशों को कर्ज के तले दबा कर उनके साथ मनमाना व्यवहार करने की चीन की नीति अब सामने आ गई है। ऐसे में देश भी सतर्क होने लगे हैं।

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