Hinglaj Temple:बलूचिस्तान के हिंगलाज मंदिर की जाने खासियत, पाकिस्तान के सबसे बड़े हिंदू मेले का अनूठा महत्व

Hinglaj Temple:बलूचिस्तान के हिंगलाज मंदिर की जाने खासियत, पाकिस्तान के सबसे बड़े हिंदू मेले का अनूठा महत्व

Hinglaj Temple: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नदी के तट पर स्थित हिंगलाज माता मंदिर हिंदू धर्म के 51 शक्तिपीठों में से एक है, जो न केवल हिंदुओं बल्कि मुस्लिम समुदाय के लिए भी आस्था का केंद्र है। यह मंदिर, जिसे 'नानी का मंदिर' भी कहा जाता है, अपनी प्राचीनता, चमत्कारिक मान्यताओं और विशाल हिंगलाज यात्रा मेले के लिए प्रसिद्ध है। हाल ही में, मई 2025 में आयोजित वार्षिक हिंगलाज माता उत्सव में लाखों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा हिंदू मेला माना जाता है।
 
मंदिर की खासियत
हिंगलाज माता मंदिर मकरान रेगिस्तान और खेरथार पहाड़ियों के बीच एक गुफा में स्थित है। यहां माता सती का सिर गिरा था, जिसके कारण यह शक्तिपीठ विशेष महत्व रखता है। मंदिर में कोई मानव-निर्मित मूर्ति नहीं है। एक छोटी शिला को माता के रूप में पूजा जाता है। मंदिर के पास दुनिया का सबसे बड़ा कीचड़ ज्वालामुखी 'चंद्रगुप' है, जहां श्रद्धालु नारियल चढ़ाकर मां का लेते हैं। यह मान्यता है कि नारियल का ऊपर आना माता की स्वीकृति का संकेत है।
मंदिर की एक और खासियत यह है कि यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय एक साथ पूजा करते हैं। बलोच मुस्लिम माता को 'नानी' कहकर सम्मान देते हैं और इसे 'नानी का हज' मानते हैं। पहले मंदिर के पुजारी भी मुस्लिम हुआ करते थे, जो धर्मनिरपेक्षता की मिसाल है।
 
हिंगलाज मेले का खास महत्व
हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान आयोजित हिंगलाज यात्रा मेला पाकिस्तान का सबसे बड़ा हिंदू तीर्थयात्रा समागम है, जिसमें 2.5 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होते हैं। मई 2025 में संपन्न इस मेले में कराची, सिंध, और अन्य क्षेत्रों से हजारों भक्त पैदल यात्रा कर मंदिर पहुंचे। श्रद्धालु कठिन रास्तों, रेगिस्तान, और पहाड़ों को पार कर माता के दर्शन करते हैं, जो उनकी भक्ति की गहराई को दर्शाता है।
मेले के दौरान भक्त गरबा नृत्य, भजन-कीर्तन, हवन, और कन्या पूजन जैसी धार्मिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। बलूचिस्तान सरकार ने इस बार सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं के लिए 300 मिलियन रुपये खर्च किए, जिससे यात्रा और आसान हो गई।

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