
हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है। ऐसे में अगर आप भी पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही है, तो पूरी सामग्री एकत्र कर लें। जिससे बाद में पूजा करते समय किसी भी प्रकार की विघ्न न आए।
करवा चौथ के व्रत का शुभ मुहूर्त
इस बार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर यानी कल सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर होगी। जिसका समापन 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगा। करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट बताया जा रहा है।
करवा चौथ की सरगी की थाली
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर पूजा करें। उसके बाद सास अपनी बहू को सरगी की थाली देती है। जिसमें फल, सूखे मेवे, नारियल पानी, बिन तेल और मसाले का भोजन, मिठाई, हलवा या सेवई, खीर, पानी, दूध के साथ वस्त्र, बिछिया, पायल और सोलह श्रृंगार का सामान होता है।
करवा चौथ की पूजा सामग्री
करवाचौथ की पूजा के लिए सजाई गई थाली में कई तरह की चीजें रखी जाती हैं। इस व्रत के लिए थाली में करवा माता की तस्वीर, छलनी, कुमकुम, रोली, चन्दन, फूल, कलश भर जल, हल्दी, चावल, मिठाई, अक्षत, पान, मिट्टी का करवा (कलश), दही, देसी घी, कच्चा दूध, मौली, शक्कर, शहद, नारियल, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं के साथ सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ और सोलह श्रृंगार का सामान करना चाहिए।
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