Karwa Chauth 2024: करवा चौथ की तैयारियों में न भूलें पूजन का शुभ मुहूर्त, इन चीजों का लगाए भोग

Karwa Chauth 2024: सुहागन महिलाओं का पर्व करवा चौथ आज मनाया जा रहा है। यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन सूर्योदय के साथ निर्जला व्रत आरंभ हो जाता है। इसके बाद रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है।
हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने इस व्रत के बारे में द्रौपदी को बताया था और भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया था। इस व्रत में मुख्यतः भगवान गणेश, माता गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है।
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस बार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर यानी कल सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर होगी। जिसका समापन 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगा। इसी के साथ करवा चौथ के लिए दो पूजन मुहूर्त है। पहला अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। फिर, दोपहर 1 बजकर 59 मिनट से लेकर 2 बजकर 45 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। इस बार करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय शाम 7 बजकर 54 मिनट बताया जा रहा है।
करवा चौथ के व्रत की पूजा-विधि
• सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर पूजा करें।
• फिर सास द्वारा दिया हुआ भोजन करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें।
• संध्या के समय एक चौकी पर शुद्ध और कच्ची पीली मिट्टी से भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा बनाकर लाल कपड़े पर स्थापित करते हैं। इसमें 10 से 13 करवे (करवा चौथ के लिए ख़ास मिट्टी के कलश) रखें।
• करवा चौथ में चौथ माता और चंद्र देवता की भी पूजा साथ ही की जाती है।
• माता पार्वती को लाल चुनरी, सिंदूर, बिंदी व सुहाग का सभी सामान अर्पित करते हैं।
• भगवान शिव एवं गणेश जी को भी चंदन अक्षत पुष्पमाला आदि अर्पित करें।
• पूड़ी, लड्डू, मेवा, हलवा आदि का भोग अर्पित करें।
• पूजन-सामग्री में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर आदि थाली में रखें।
• दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी रहना चाहिए, जिससे वह पूरे समय तक जलता रहे।
• मान्यताओं के अनुसार, परिवार या आस-पड़ोस की सभी सुहागन महिलाएं साथ में पूजा कर करवा चौथ कथा सुनें या सुनाएं।
• पूजा के बाद घर के बड़े-बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
• चन्द्र दर्शन छलनी के द्वारा किया जाना चाहिए। साथ ही चाँद देखते समय अर्घ्य के साथ चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए।
करवा चौथ की पूजा सामग्री
करवाचौथ की पूजा के लिए सजाई गई थाली में कई तरह की चीजें रखी जाती हैं। इस व्रत के लिए थाली में करवा माता की तस्वीर, छलनी, कुमकुम, रोली, चन्दन, फूल, कलश भर जल, हल्दी, चावल, मिठाई, अक्षत, पान, मिट्टी का करवा (कलश), दही, देसी घी, कच्चा दूध, मौली, शक्कर, शहद, नारियल, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं के साथ सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ और सोलह श्रृंगार का सामान करना चाहिए।
करवा चौथ का प्रसाद
करवा चौथ के दिन पूजा के दौरान प्रसाद बनाया जाता है। इन दिन प्रसाद में भोग लगाने के लिए नारियल लड्डू, कचौड़ी, आलू की सब्जी, मीठी सुहाल, पूरी, हलवा, खीर आदि का भोग भगवान को लगाया जाता है। इस दिन दूध से बनी मिठाई का महत्व होता है। इसलिए इस दिन खीर का भोग जरूर लगाएं।
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