जब ट्रूडो के पिता ने नहीं मानी थी इंदिरा गांधी की बात, चली गई थी 331 लोगों की जान

जब ट्रूडो के पिता ने नहीं मानी थी इंदिरा गांधी की बात, चली गई थी 331 लोगों की जान

Justin Trudeau: खालिस्तान के मुद्दे पर भारत और कनाडा आमने सामने हैं। 18 सितंबर को कैनेडियन प्राइम मिनिस्टर जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत का जिम्मेदार भारत को बताया था। ट्रूडो ने यह स्टेटमेंट कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में दिया। उन्होंने बिना नाम लिए निज्जर की हत्या के पीछे भारत की खुफिया एजेंसी रॉ पर आरोप लगाया था। जिसके बाद से भारत और कनाडा के रिश्ते तल्ख हो गए।

हाल ही में  एक तरफ, कनाडा ने भारत के सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया। तो वहीं, भारत ने भी इस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए कनाडा के एक सीनियर डिप्लोमैट को निष्कासित करते हुए पांच दिन के अंदर भारत छोड़ने के लिए कहा है।लेकिन ये पहली बार नहीं है जब भारत और कनाडा के रिश्ते तनावपूर्ण हुए हैं। इसके पहले ट्रूडो के पिता की गलती के वजह से 331 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

खालिस्तानी आतंकवादी को कनाडा ने दी थी शरण

दरअसल, जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो, कनाडा में 1968-1979और 1980-1984तक सत्ता में रहे थे। उस समय भारत में इंदिरा गांधी की सरकार थी। इंदिरा गांधी ने पियरे ट्रूडो से खालिस्तानी आतंकवादी तलविंदर सिंह परमार को भारत में प्रत्यर्पित करने की मांग की थी। लेकिन तलविंदर सिंह को कनाडा ने शरण दी थी।

331 यात्री मारे गए थे

पियरे ट्रूडो ने तलविंदर सिंह को इस विशेष दलील पर भारत में प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया कि भारत, राष्ट्रमंडल का सदस्य होने के बावजूद, ब्रिटेन की रानी की संप्रभुता को मान्यता नहीं देता। तलविंदर सिंह परमार ने बड़ी साजिश रची और आयरलैंड के पास एयर इंडिया के विमान पर भीषण बमबारी की, जिसमें 331यात्री मारे गए थे।

9/11 हमले के बाद सबसे बड़ा विमानन आतंकी हमला

एयर इंडिया का कनिष्क विमान हादसा 9/11 हमले के बाद सबसे बड़ा विमानन आतंकी हमला था। 1984 में परमार ने एक सम्मेलन में अपने समर्थकों से कहा था कि भारत के जहाज आसमान से गिरेंगे। वहीं, परमिंदर के खास अजायब सिंह ने कहा था कि जब तक हम 50 हजार हिंदुओं को मार नहीं डालते, हम आराम नहीं करेंगे!"

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