JNU NEWS: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर छात्रों और पुलिस के आमने-सामने आने को लेकर सुर्खियों में है। वामपंथी छात्र संगठनों के नेतृत्व में छात्रों ने ABVP के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर साबरमती ढाबा से वसंत कुंज थाने तक मार्च किया। इसी दौरान पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए पश्चिमी गेट पर उन्हें रोका, जिससे टकराव की स्थिति पैदा हो गई। इस झड़प के बाद पुलिस ने JNUSU अध्यक्ष नितीश कुमार समेत 28छात्रों को हिरासत में ले लिया। फिलहाल सभी छात्रों को कपासहेड़ा थाने में रखा गया है, जहां वे अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।
दशहरा की बैठक में हुई हिंसा की जांच की मांग
यह विरोध उस घटना के खिलाफ था जो दशहरे पर स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज़ की जनरल बॉडी मीटिंग (GBM) के दौरान हुई थी। वामपंथी छात्रों का आरोप है कि ABVP सदस्यों ने एक छात्रा का गला पकड़ा और अन्य छात्रों को पीटा। वहीं ABVP ने पलटवार करते हुए दावा किया कि वामपंथी छात्रों ने पहले एक महिला छात्रा पर हमला किया और बाद में अन्य छात्रों को भी मारा। ABVP ने बयान जारी कर कहा कि वामपंथी छात्र झूठी कहानियां फैलाकर खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
झड़प में छह पुलिसकर्मी घायल, पुलिस ने जताई चिंता
पुलिस का कहना है कि शाम 6 बजे करीब 70-80 छात्र थाने की घेराबंदी करने निकले थे। उन्हें रोकने के लिए जब बैरिकेड्स लगाए गए, तो छात्रों की पुलिस से झड़प हो गई। इस संघर्ष में छह पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और छात्रों को हिरासत में लिया। घटना ने एक बार फिर जेएनयू में बढ़ते वैचारिक टकराव और पुलिस की भूमिका को लेकर बहस छेड़ दी है।
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