
नई दिल्ली :आज भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी है. वहीं ब्रज में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है. नंदगांव में आधी रात को बाल कृष्ण ने जन्म लिया है. कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के बीच आज मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा.
आपको बता दें कि, कृष्ण आजजन्माष्टमी है. सभी तीर्थस्थलों के मंदिर 10 अगस्त की दोपहर 12 बजे से 13 अगस्त दोपहर बाद तक श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे. कोरोना के लगातार बढ़ रहे संक्रमण ने कृष्ण जन्माष्टमी की रौनक फीकी कर दी है. जन्माष्टमी का मौका है लेकिन कन्हैया की नगरी सुनी है. जहां पहले कृष्ण जन्माष्टमी से कुछ दिन पहले ही कन्हैया की नगरी में धूम धड्क्का शुरू हो जाता था.
वहीं यह पहला मौका है, जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बिना भक्तों के मनाया जा जा रहा है. ब्रज के मंदिरों में सिर्फ संतों और सेवायतों की मौजूदगी में सभी परंपराएं पूरी की जाएंगी.श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि श्रीकृष्ण-जन्मभूमि के संपूर्ण परिसर को कलात्मक रूप से सजाया जा रहा है. कोरोना से उत्पन्न परिस्थिति एवं इसके निर्मूलन के लिए सरकार द्वारा जारी किये गए दिशा-निर्देशों के अनुपालन में श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित है.
उन्होनें कहा कि, पत्र, पुष्प, रत्न प्रतिकृति, वस्त्र आदि के अद्भुद संयोजन से बनाये गये 'पुर्णेन्दु-कुंज' बंगले में विराजमान हो ठाकुरजी मनोहारी स्वरूप में दर्शन देंगे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का बचपन नंदगांव में व्यतीत हुआ था. ब्रज के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाए जाने के बावजूद कोरोना वायरस संकट के चलते इसे इस बार सार्वजनिक रूप नहीं दिया गया है. न ही इस अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान आदि मंदिरों में भक्तों को विशेष प्रसाद का वितरण किया जाएगा. नन्दगांव में सैकड़ों वर्षों से चली आ रही ‘खुशी के लड्डू’ बांटे जाने की परम्परा भी नहीं निभाई जाएगी.’
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