
Israel Hezbollah Conflict: लेबनान में पिछले दो दिनों में हुए सीरियल ब्लास्ट ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। देश के कई हिस्सों में पहले पेजर और फिर वॉकी-टॉकी ब्लास्ट ने हिज्जबुल्ला समेत पूरे लेबनान को दहशत में डाल दिया है। लेबनान ने इस घटना का जिम्मेदार इजरायल को बताया है। हालांकि, इजरायल ने लेबनान में हुए सीरियल ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है। लेकिन दुनियाभर में चर्चा आम हो चुकी है कि लेबनान में हुए हमले के पीछे इजरायल ही है।
गौरतलब है कि इस तरह के हमले इजरायल की खुफिया एजेंसी “मोसाद”करने में महारत हासिल रखती है। लेकिन लेबनान में हुए सीरियल ब्लास्ट के पीछे मोसाद नहीं बल्कि इजरायल की एक अन्य खुफिया एजेंसी शामिल है। लेबनान में हिज्जबुल्ला के अंदर दहशत फैलाने के पीछे खुफिया एजेंसी “यूनिट 8200”का हाथ है। यह एजेंसी सीधा प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करती है। यानी इस हमले की सभी प्लानिंग में पीएम बेंजामिन नेतन्याहू शामिल होते हैं। इस हमले के पीछे इजरायल का नाम इसलिए भी आ रहा है क्योंकि पिछले महीने हिज्जबुल्ला ने इजरायल पर मिसाइल अटैक किया था, जिसके बाद पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने हिज्जबुल्ला को इसकी भारी किमत चुकाने की बात कही थी।
मोसाद से ज्यादा खतरनाक है “यूनिट 8200
इजरायल का खुफिया तंत्र दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है। लेबनान हमले के बाद यूनिट 8200 की चर्चा सबसे अधिक हो रही। जानकारी के अनुसार, यूनिट 8200 में इजरायल के सबसे अच्छे और प्रतिभाशाली सैनिकों को भर्ती किया जाता है। साल 1948 में इस खुफिया एजेंसी का स्थापना किया गया था। शुरुवाती समय में यूनिट 8200 का काम कोडब्रेकिंग और खुफिया इकाइयों की निगरानी करने का था। हालांकि, बाद में जाकर यह सिग्नल इंटेलिजेंस से लेकर डेटा माइनिंग और तकनीकी हमलों को अंजाम देने लगी। गौरतलब है कि यह एजेंसी सीझा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को रिपोर्ट करती है।
हमास और हिज्जबुल्ला से लड़ रहा इजरायल
पिछले एक साल से इजरायल दो फ्रंट पर लड़ाई लड़ रहा है। एक ओर IDFहमास के ठिकानों को तबाह करने में लगा है। तो वहीं दूसरी ओर हिज्जबुल्ला से भी इजरायल का युद्ध चल रहा है। दरअसल, हमास को हिज्जबुल्ला लंबे समय से समर्थन देता आया है। हिज्जबुल्ला की ओर से हमास के लड़ाकों को बड़ी मात्रा में हथियार दिए जा रहे हैं। इसी महीने ही हिज्जबुल्ला ने इजरायल पर कई मिसाइल लॉन्च किए थे। जिसमें कई इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी। तब से आंशका जताई जाने लगी थी कि इजरायल हिज्जबुल्ला पर बड़ा हमला करेगा।
Leave a comment