ISIS का अड्डा...कट्टरपंथी का गढ़ और धर्म परिवर्तन, क्या इन सबसे मिलकर बना है मालदीव?

ISIS का अड्डा...कट्टरपंथी का गढ़  और धर्म परिवर्तन, क्या इन सबसे मिलकर बना है मालदीव?

ISIS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मालदीव के नेताओं की विवादित टिप्पणी के बाद सेमालदीव सुर्खियों में छाया हुआ है। भारतीयों का मालदीव पर जमकर गुस्सा निकल रहा है। अब तक बहुत से लोग मालदीव का ट्रीप प्लान कैंसिल भी कर चुके हैं। इसी बीच एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है। जिसके अनुसार, मालदीव से सबसे ज्यादा लोग ISIS में शामिल हुए है। आखिर ऐसा क्यों है इसी के बारे में बात करेंगे।

दरअसल विवादित टिप्पणी के बाद से #BoycottMaldives ट्रेंड कर रहा है। और भारतीयों का गुस्सा कम होने का नाम भी नहीं ले रहा। अब तक बहुत से लोग मालदीव का प्लान कैंसिल भी कर चुके हैं। साथ ही इस देश से जुड़ी कई बातें सामने आ रहीं है। जिनमें एक रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव से सबसे ज्यादा लोग ISIS में शामिल हुए हैं।साथ ही यहांकट्टरपंथी का गढ़ भी है।

मालदीव है ISISका गढ़?

एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2014 से लेकर 2018 की शुरुआत तक, यहां से ढाई सौ से ज्यादा लोग ISIS में भर्ती के लिए सीरिया चले गए थे। बता दें ये जनसंख्या के हिसाब से दुनिया में सबसे ज्यादा है। इनमें से काफी लोग मारे गए, जबकि ज्यादातर मालदीवियन महिलाएं नॉर्थईस्ट सीरिया के कैंपों में हैं। अभी खुद मालदीव की सरकार ने उन्हें वापस लाने के लिए नेशनल रीइंटीग्रेशन सेंटर बनाया हुआ है, जो दूसरों देशों के साथ संपर्क में है।

धर्म परिवर्तन की भी इजाजत नहीं

इसके साथ ही यहां कट्टरपंथ इतना ज्यादा है कि धर्म परिवर्तन की भी इजाजत नहीं। कोई भी मुस्लिम नागरिक अपनी मर्जी से यहां दूसरा धर्म नहीं अपना सकता। रिपोट्स के मुताबित यदि कोई धर्म परिर्वतन करता है तो उसे सरिया कानून के तहत मौत तक की सजा दी जाती है। बता दें एक समय पर बौद्ध आबादी वाला ये देश तेजी से मुस्लिम आबादी में बदल गया है। अब हालात ये है कि यहां नॉन-मुस्लिमों को नागरिकता तक नहीं मिलती।

 वैसे तो ये पर्यटन का देश कहलाता है, लेकिन टूरिस्ट्स को भी यहां अपने धर्म की पूजा- पाठ पर मनाही है।बता दें मालदीव में लगभग 29 हजार भारतीय रह रहे हैं लेकिन या तो उन्होंने मुस्लिम धर्म अपना लिया है या फिर वो अपनी पहचान छिपातें है। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के मुताबिक, मालदीव का अद्दू शहर इस्लामिक चरमपंथियों का गढ़ बन गया है। साल 2018 के बाद ये शहर सक्रिय हो गया और लगातार आईएसआईएस की विचारधारा पर काम करने लगा।

यहां कई चरमपंथी समूह काम करते हैं, जिनका सीधा समर्थन आईएसआईएस-के (अफगानिस्तान स्थित आईएसआईएस शाखा) को है। इस नेता समेत अन्य ग्रुप इस्लामिक स्टेट तक IED और लड़ाके पहुंचाने का काम करते हैं। इसके अलावा युवाओं के दिमाग में जहर भरकर उन्हें भड़काना भी इनका काम है। कई लोग अल-कायदा का समर्थन भी करते हैं।

Leave a comment