इजरालय पर ईरान ने दागे कस्टर बम, भारी तबाही की आशंका, हिजबुल्लाह की जंग में एंट्री

इजरालय पर ईरान ने दागे कस्टर बम, भारी तबाही की आशंका, हिजबुल्लाह की जंग में एंट्री

Iran Israel War: पिछले आठ दिनों से इजरायल और ईरान के बीच भीषण युद्ध जारी है। ये संघर्ष आने वाले दिनों में और अधिक बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इस बीच ईरान और इजरायल अपने हमलों की शक्ति को भी बढ़ाने लगे हैं। गुरुवार की रात इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया, जिसमें अराक, नतांज और खोंडब हेवी-वाटर रिसर्च साइट को भारी नुकसान पहुंचा। अब ईरान ने पलटवार करते हुए इजरायल पर कस्टर बम से हमला किया है। ईरान से इस बम को  मध्य इजरायल के ऊपर फोड़ा। गौरतलब है कि कस्टर बम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित माना जा है। क्योंकि ये बम भीषण तबाही मचाने के लिए जाना जाता है।

नागरिक इलाकों में फटा बम

इजरायली सेना के अनुसार, ईरान के द्वारा छोड़े गए कस्टर बम को मध्य इजरायल के ऊपर फोड़ा गया, जिसमें 20 छोटे-छोटे बम थे। करीब 8 किलोमीटर के दायरे में ये छोटे-छोटे बम फैल गए। जिससे काफी तबाही मची है। हालांकि, इसमें कितना नुकसान हुआ है, इसका पता नहीं लगाया जा सका है। ईरान के इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच जंग की स्थिति और भयावह होने की आशंका बन गई है। बीते दिनों ही ईरान ने इजरायल के सोरोका अस्पताल पर बैलेस्टिक मिसाइल दागे थे। जिसकी भयावह तस्वीर सामने भी आई थी। इस हमले में कई लोग घायल हो गए थे। ईरानी हमले के बाद इजरायल ने खामेनेई को सख्त चेतावनी दी है औऱ इसका परिणाम भुगतने को कहा है।

जंग में हिजबुल्लाह की एंट्री

आठ दिनों की जंग के बाद आखिरकार इसमें हिजबुल्लाह की एंट्री हो गई है। हिजबुल्लाह ने ईरान का समर्थन किया है। और इजरायल पर कई मिसाइलें भी दागी हैं। साथ ही हिजबुल्लाह के उप नेता शेख नईम कासिम ने इजरायल और अमेरिका को ललकारते हुए कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है और इसका मकसद राष्ट्रीय विकास है। कासिम ने आगे कहा, "ईरान के खिलाफ वैश्विक विरोध उसकी परमाणु महत्वाकांक्षाओं की वजह से नहीं, बल्कि उसके विश्वास, ज्ञान और आजादी के रुख की वजह से है, जो मजलूमों को ताकत देता है।"

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