अफगानिस्तान में तबाही का खौफनाक मंजर! भूकंप के झटकों से हिली धरती , 622 की मौत; दिल्ली-NCR तक दिखा असर

अफगानिस्तान में तबाही का खौफनाक मंजर! भूकंप के झटकों से हिली धरती , 622 की मौत; दिल्ली-NCR तक दिखा असर

Earthquake In Afghanistan: अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में रविवार देर रात 6.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके झटके भारत के दिल्ली-एनसीआर और पाकिस्तान तक महसूस किए गए। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किमी पूर्व-उत्तरपूर्व में 8 किमी की गहराई पर था। यह भूकंप 1सितंबर को 12:47 बजे IST (19:17:34 UTC) पर दर्ज किया गया। नांगरहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता नकीबुल्लाह रहीमी ने बताया कि इस आपदा में कम से कम 622 लोगों की जान गई, जबकि 15 लोग घायल हुए। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। भूकंप के बाद की तस्वीरों में कई घर मलबे में तब्दील नजर आए।

दिल्ली-एनसीआर में दहशत, कोई नुकसान नहीं

भूकंप के झटके इतने तेज थे कि दिल्ली-एनसीआर और नोएडा में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, भारत में किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह भूकंप सतही था, जो गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक होता है, क्योंकि कम गहराई के कारण सतह पर कंपन तेज होता है। अफगानिस्तान का हिंदूकुश क्षेत्र भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेटों के टकराव के कारण बार-बार भूकंप आते हैं। पिछले महीने भी 2अगस्त को 5.5और 6अगस्त को 4.2तीव्रता के भूकंप दर्ज किए गए थे।

भूकंप का वैज्ञानिक कारण

भूकंप तब आता है जब पृथ्वी की टेक्टॉनिक प्लेटें आपस में टकराती या खिसकती हैं। इन प्लेटों के नीचे मौजूद तरल लावा पर ये तैरती हैं, और टकराव से उत्पन्न दबाव ऊर्जा के रूप में बाहर निकलता है, जिससे धरती हिलती है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है, जो 1से 9तक की गणना करता है। यह स्केल भूकंप के केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा के आधार पर नुकसान की संभावना को दर्शाता है।

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