
Baloch Protest March:पाकिस्तान में बलूच लोगों की स्थिति दिन प्रति दिन दयनीय होती जा रही है। बलूच लोगों को ना ही अपनी बात रखने की इजाजत है और ना ही रैली या प्रदर्शन करने की। यही कारण है कि पिछले कई सालों से बलूच लोगों को पाकिस्तानी फौज सरेआम मार रही हैं। इस बीच एक बार फिर बलूच विराध मार्च निकाल रहे बलूच लोगों पर पाकिस्तानी सेना ने गोलियां चला दी हैं। पाकिस्तानी फौज के इस कार्रवाई में कई लोग गंभीर रुप से घायल हो गए हैं। वहीं, 200 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी की गई है। गौरतलब है कि, पिछले कई दशकों से अपना अलग देश की मांग को लेकर बलूच लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान हजारों लोगो की जान भी चली गई है।
सेना की कार्रवाई में हजारों लोग हुए घायल
दरअसल, रविवार को बलूच राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाया गया था। इसी में शामिल होने के लिए ये लोग ग्वादर की ओर जा रहे थे। इसी बीच मंस्ताग में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के द्वारा गोलियां चलाई गईं। ये सम्मेलन पाकिस्तान सरकार के द्वारा बलूच लोगो का किए जा रहे नरसंहार और शोषण के विरोध में रखा गया था। सोशल मीडिया एक्स पर बीआईसी के द्वारा पोस्ट करके इस घटना की जानकारी दी गई है। पोस्ट में लिखा गया, “अब्दुल मुतालिब बलूच को सिर में गोली लगी है और उसकी हालत गंभीर है, उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है। मस्तुंग और अन्य स्थानों पर हुए क्रूर नरसंहार में, बलूच राष्ट्रीय सभा के कई शांतिपूर्ण प्रतिभागियों को गोली मार दी गई। बलूच लोगों पर यह क्रूर हमला बलूच नरसंहार की वास्तविकता को दर्शाता है। एक अन्य प्रतिभागी, नसीर अहमद, सालेह का बेटा, तलार चेकपॉइंट पर सेना द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसका मृत शरीर तुर्बत सिविल अस्पताल में है।“
पाकिस्तानी सेना ने गोली चलाने से किया इंकार
हालांकि, इस पूरे घटना पर पाकिस्तानी सुरक्षाबलों का भी मत सामने आया है। उन्होंने किसी भी प्रदर्शनकारी की मौत से इंकार किया है। इसके अलावा बालूचिस्तान सराकर द्वारा सुरक्षाबलों को गोली चलाने जैसे किसी भी आदेश देने के आरोप को सरकार ने नकार दिया है। साथ ही कहा कि बलूच लोगो के लिए बातचीत का रास्ता हमेशा खुला हुआ है। इस बीच, बीवाईसी के अनुसार, खुजदार, कलात, सोराब, चगई, खारन और बेसिमा के काफिले कल देर रात पंजगुर से ग्वादर के लिए रवाना हो गए हैं। बीवाईसी ने यह भी कहा कि क्वेटा काफिले पर कथित राज्य की बर्बरता के खिलाफ मस्तुंग में धरना प्रदर्शन चल रहा है।
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