
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों महाराष्ट्र और झारखंड के मुस्लिम बहुल इलाकों में अपनी रैलियों को लेकर चर्चा में हैं। उनकी रैलियों में प्रमुख नारा 'बटेंगे तो कटेंगे' है, जिसे वह इन इलाकों में जोर-शोर से प्रचारित कर रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में, योगी ने इन दोनों राज्यों की 10विधानसभा सीटों पर रैलियां कीं, जिनमें अधिकांश मुस्लिम बहुल इलाके हैं।
बीजेपी की ध्रुवीकरण की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ की रैलियों के जरिए बीजेपी एक खास ध्रुवीकरण रणनीति अपना रही है। पार्टी का उद्देश्य चुनावी माहौल को तीव्र बनाना और एक सीधा मुकाबला सुनिश्चित करना है। 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे का इस्तेमाल बीजेपी की इस रणनीति का हिस्सा है, जो खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में अधिक प्रभावी हो सकता है। यह नारा पहली बार अगस्त 2024में उपयोग किया गया था, और अब यह बीजेपी के चुनावी अभियान का अहम हिस्सा बन चुका है।
योगी इन 10सीटों पर फोकस
योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में महाराष्ट्र और झारखंड की विभिन्न विधानसभा सीटों पर रैलियां कीं। इन इलाकों में मुस्लिम मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और योगी का मुख्य संदेश 'बटेंगे तो कटेंगे' रहा है।
अचलपुर (महाराष्ट्र)
12नवंबर को अचलपुर में योगी ने रैली की, जहां मुस्लिम आबादी 19प्रतिशत है। यहां बीजेपी के प्रवीण तायडे और कांग्रेस के अनिरुद्ध देशमुख चुनावी मैदान में हैं।
अकोला पश्चिम (महाराष्ट्र)
इस सीट पर मुस्लिम आबादी 41.6प्रतिशत है, और योगी ने यहां बीजेपी उम्मीदवार विजय अग्रवाल के पक्ष में रैली की।
नागपुर मध्य और पश्चिम (महाराष्ट्र)
इन दोनों सीटों पर योगी ने रैलियां कीं। नागपुर मध्य में मुस्लिम मतदाता 22प्रतिशत और नागपुर पश्चिम में 12प्रतिशत हैं।
झारखंड में रैलियां
योगी ने झारखंड के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी रैलियां कीं, जहां मुस्लिम और दलित मतदाता महत्वपूर्ण हैं।
- भवनाथपुर: यहां मुस्लिम मतदाता 14प्रतिशत हैं, और यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और बीजेपी के बीच मुकाबला है।
- हुस्सैनाबाद: इस क्षेत्र में मुस्लिम और दलित मतदाता मिलकर एक बड़ा वोटबैंक बनाते हैं। यहां बीजेपी के उम्मीदवार कमलेश सिंह और आरजेडी के संजय यादव मैदान में हैं।
- पांकी: पलामू जिले के पांकी में 16प्रतिशत मुस्लिम वोटर्स हैं, और यहां बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस से है।
इसके अलावा, योगी ने झारखंड के तीन और इलाकों—लातेहार, कोडरमा और बरकागांव—में भी रैलियां कीं। इन सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं का प्रतिशत क्रमशः 12 प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 15 प्रतिशत के आसपास है। इन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन कोडरमा में 2019 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इस बार बीजेपी इन सीटों पर अपनी जीत की कोशिश कर रही है।
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