भारत की अंतरिक्ष में बड़ी छलांग, Chandrayaan-5 की तैयारी शुरू, पाकिस्तान समेत कई देश हैरान!

Chandrayaan-5 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर विश्व को अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं का दिखाने कि तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में मंजूरी प्राप्त चंद्रयान-5 मिशन के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जल-बर्फ की खोज करने जाएगा, इस मिशन में इसरो जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा (JAXA) के साथ मिलकर काम करेगा, जिससे यह अंतरराष्ट्रीय मदद का एक ऐतिहासिक उदाहरण बनेगा है। इस खबर ने न केवल पड़ोसी देशों बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष लोगों को भी परेशान कर दिया है।
चंद्रयान-5 की खासियतें
चंद्रयान-5 मिशन में 250-350 किलोग्राम वजनी एक उन्नत रोवर शामिल होगा, जो चंद्रयान-3 के तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली होगा, इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि यह रोवर चंद्रमा की सतह पर गहन वैज्ञानिक अध्ययन करेगा, विशेष रूप से जल-बर्फ के भंडारों की खोज पर ध्यान रखेगा करेगा। यह मिशन 2040 चंद्रमा पर उतरने की परिकल्पना की गई है।
भारत-जापान का प्रयास
हाल ही में इसरो और जाक्सा के बीच बेंगलुरु में एक विशेष बैठक हुई, जिसमें चंद्रयान-5 के डिजाइन और उपकरणों के चयन पर चर्चा हुई। जाक्सा की एक टीम ने इसरो मुख्यालय का दौरा किया और प्रारंभिक डिजाइन चरण में प्रवेश करने की योजना बनाई। यह सहयोग भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और वैश्विक स्तर पर तकनीकी साझेदारी को भी मजबूत करेगा।
पड़ोसी देशों प्रतिक्रिया
चंद्रयान-5 की घोषणा ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दिया है। पाकिस्तान सहित कई देशों ने भारत की इस तेजी से बढ़ती अंतरिक्ष क्षमता पर हैरान है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मिशन भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के साथ अंतरिक्ष अन्वेषण में और करीब लाएगा। चंद्रयान-3 की सफलता ने 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहली सॉफ्ट लैंडिंग की थी। चंद्रयान-5 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया पेज जोड़ेगा। इसरो और जाक्सा का यह संयुक्त प्रयास न केवल वैज्ञानिक खोजों को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत की तकनीकी और कूटनीतिक ताकत को भी प्रदर्शित करेगा।
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