शांगरी-ला डायलॉग में शामिल होंगे CDS अनिल चौहान, पाकिस्तान के नापाक इरादों को करेंगे बेनकाब

Shangri-La Dialogue 2025: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद को करारा जवाब दिया। जिसके बाद आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करते हुए भारत ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को न केवल सैन्य बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी बेनकाब करना शुरू कर दिया है। बीते दिनों भारत के 7 डेलिगेशन दुनिया भर के अलग-अलग देशों में जाकर वैश्विक मंचों पर भी पाकिस्तान की साजिशों का पर्दाफाश कर रहा है। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान भी आज सिंगापुर में शुरू हो रहे शांगरी-ला डायलॉग 2025 में भाग लेंगे। बता दें यह इसलिए भी अहम है क्योंकि शांगरी-ला वार्ता को पूरी दुनिया के सबसे बड़े रक्षा मंचों में से एक माना जाता है। इस डायलॉग में 40 से ज्यादा देशों के सैन्य अधिकारी हिंद-प्रशांत सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।
शांगरी-ला डायलॉग में भारत की मजबूत मौजूदगी
इस कूटनीतिक अभियान के तहत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग 2025 में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। यह वार्ता 30 मई 2025 से शुरू हो रही है और इसे दुनिया के सबसे बड़े रक्षा मंचों में से एक माना जाता है। इस डायलॉग में 40 से अधिक देशों के सैन्य अधिकारी और नीति निर्माता हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। इसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान (IISS – International Institute for Strategic Studies) द्वारा किया जाता है। अबकी बार जनरल चौहान इस मंच पर भारत की रक्षा नीति और क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूती से रखेंगे।
शांगरी-ला डायलॉग का मुख्य उद्देश्य
शांगरी-ला डायलॉग का प्रमुख लक्ष्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर खुली और रचनात्मक चर्चा को बढ़ावा देना है। यह एक महत्वपूर्ण मंच है जहां विभिन्न देश क्षेत्रीय तनाव, सहयोग, रणनीतिक चुनौतियों और वैश्विक सुरक्षा खतरों पर विचार-विमर्श करते हैं। इसकी शुरुआत 2002 में हुई थी और इसका नाम सिंगापुर के शांगरी-ला होटल से प्रेरित है, जहां यह वार्षिक सम्मेलन आयोजित होता है। शांगरी-ला नाम एक काल्पनिक शांतिपूर्ण और संतुलित स्थान का प्रतीक है, जो इस डायलॉग के शांति और सहयोग के उद्देश्य को दर्शाता है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की भूमिका
शांगरी-ला डायलॉग में भारत का प्रतिनिधित्व हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। इस मंच पर भारत न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर अपने विचार रखेगा, बल्कि आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम करेगा। यह भारत के लिए एक अवसर है कि वह विश्व मंच पर अपनी मजबूत स्थिति को और सुदृढ़ करे।
पाकिस्तान की साजिशों का पर्दाफाश
ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ा संदेश दिया है। इसके साथ ही, वैश्विक समुदाय के सामने पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने की नीति को उजागर करने का अभियान तेज कर दिया गया है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में जाकर ठोस सबूतों के साथ पाकिस्तान की हरकतों को बेनकाब कर रहे हैं। यह कदम न केवल भारत की कूटनीतिक ताकत को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।
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