
Sheikh Hasina resigns as PM: बांग्लादेश में इस वक्त बड़ी राजनीतिक हलचल मची है। आरक्षण के मुद्दे पर भड़की हिंसा ने पूरे देश को तबाह कर दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़ चुकीं हैं। प्रदर्शनकारियों की भीड़ पीएम आवास में घुस चुकी है। हालांकि, शेख हसीना भी देश छोड़ कर भारत की ओर निकल चुकीं हैं। माना जा रहा है कि शेख हसीना भारत में शरण मांगेगी। हालांकि, ये पहली बार नहीं है, जब शेख हसीना को भारत शरण देगा। 49 साल पहले की यादें आज के घटनाक्रम को देख कर ताजा हो गई। साल 1975 में भी शेख हसीना को भारत ने करीब 6 सालों तक शरण दिया था। आइए जानते हैं कि आखिर उस वक्त हुआ क्या था?
पूरे परिवार की हो गई थी हत्या
बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले शेख मुजीबुर रहमान, जो 1971 के बाद बंग्लादेश के प्रधानमंत्री बने थे, उन्हीं की बेटी शेख हसीना हैं। साल 1975 में शेख मुजीबुर रहमान के साथ परिवार के 18 लोगों की हत्या सेना की एक टुकड़ी ने कर दिया था। इस हत्या के बाद पूरे देश में राजनीतिक भगदड़ मच गई थी। लोकतंत्र को खत्म करके लंबे समय तक बांग्लादेश में शैन्य शासन चलता रहा।
शेख हसीना कैसे बच गई थी?
दरअसल, इस घटना के 15 दिन पहले ही शेख हसीना और उनकी बहन जर्मनी के लिए निकल गई थी। जर्मनी में शेख हसीना के पति, परमाणु वैज्ञानिक थे, वो वहां पीएचडी कर रहे थे। शेख हकीना जब जर्मनी में थी, तभी उन्हें पूरे परिवार की हत्या की जानकारी मिली थी।
6 सालों तक भारत ने दी थी शरण
परिवार की हत्या के बाद वो वापस बांग्लादेश जा नहीं सकती थी। तो भारत की तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शेख हसीना को भारत में सुरक्षित रखने का भरोसा दिया था। जिसके बाद वो अपने परिवार के साथ भारत आ गई थी। 6 सालों तक वो भारत में रहीं। साल 1981 में बांग्लादेश की स्थिति शांत हो गई, तब वो अपने परिवार के साथ बांग्लादेश गई थी।
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