
India Electronics Sector: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि बीते 11 सालों में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए बताया कि इस अवधि में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना और निर्यात आठ गुना बढ़ा है। मंत्री के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 1.9 लाख करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 11.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसी तरह, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 0.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना
वैष्णव ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI-LSEM) योजना के तहत इस क्षेत्र में 13,475 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित हुआ, जिससे 9.8 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन हासिल किया गया। इसके चलते लगभग 25 लाख रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की ये वृद्धि पीएम मोदी के व्यापक इकोसिस्टम विकसित करने के विजन का परिणाम है। जैसे-जैसे सेमीकंडक्टर और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग का विस्तार होगा, रोजगार के अवसर और बढ़ेंगे। पिछले 5 सालों में PLI-LSEM के माध्यम से 1.3 लाख से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं, जिसमें वैश्विक और भारतीय कंपनियों की भागीदारी रही।
करोड़ रुपये तक बढ़ा निर्यात
मंत्री ने ये भी बताया कि भारत आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माण वाला देश बन गया है। 2014-15 में देश में सिर्फ दो मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं, जो अब लगभग 300 हो गई हैं। भारत में बिकने वाले 99.2 प्रतिशत मोबाइल हैंडसेट मेड इन इंडिया हैं। मोबाइल उत्पादन 0.18 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये और निर्यात लगभग शून्य से 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
मेक इन इंडिया को मिली सफलता
सरकार अब तैयार उत्पादों के साथ-साथ मॉड्यूल, कंपोनेंट, सब-मॉड्यूल और मशीनों के निर्माण पर भी ध्यान दे रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 1.15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिससे 10.34 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन और 1.42 लाख रोजगार सृजित होने का अनुमान है। वैष्णव ने बताया कि 10 सेमीकंडक्टर इकाइयों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से तीन में पायलट या शुरुआती उत्पादन शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि भारत में उत्पादन लगातार बढ़ रहा है और निर्यात में भी इजाफा हो रहा है। उन्होंने निष्कर्ष में लिखा कि यही ‘मेक इन इंडिया’ की असली सफलता है।
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