
Cyclone Michaung: चक्रवाती तूफान मिचौंग ने मंगलवार दोपहर 1 बजे देश में दस्तक दी। इस चक्रवाती तूफान की वजह से 8 राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया गया गया है। भारी बारिश के कारण कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हो गए। इस तूफान ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भारी तबाही मचाई है। लोग अपने घरों में ही कैद रहने को मजबूर हो गए। मिचोंग बंगाल की खाड़ी से निकलती है। इसके तूफान ने नेल्लोर-मछलीपट्टनम के बीच आंध्र प्रदेश के बापटला में दस्तक दी। हालाँकि, इस तूफ़ानी संकट से निपटने की तैयारी भी तूफ़ानी स्तर पर की गई थी।
आंध्र प्रदेश के 8 जिलों में रेड अलर्ट घोषित। वहीं, सबसे ज्यादा तबाही नेल्लोर में देखने को मिली है। इस जिले के निचले इलाकों में कई गाड़ियां पानी में डूब गईं। बताया गया है कि तेज हवा के कारण कई इलाकों में बड़े-बड़े पेड़ उखड़ गये। घंटों यातायात ठप रहा, कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गये। कृष्णा जिले का मछलीपट्टनम जलमग्न हो गया। तिरूपति के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। प्रकाशम जिले में भारी बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
आंध्र प्रदेश में तीन घंटे तक बरपाया कहर!
तूफान का असर आंध्र प्रदेश में करीब 3 घंटे तक देखा गया। ये तीन घंटे आंध्र प्रदेश पर कितने भारी पड़े इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। अब बात करते हैं इस तूफान के आने से पहले आए बाढ़ संकट की, जिसने एयरपोर्ट से लेकर रिहायशी इलाकों तक सब कुछ जलमग्न कर दिया था। चंद घंटों की बारिश ने 3000 से ज्यादा ड्रेनेज वाले हाईटेक चेन्नई की हालत उस शहर जैसी कर दी जो कुप्रबंधन के कारण सालों तक पानी विहीन रहता है। सिर्फ चेन्नई ही नहीं बल्कि तमिलनाडु के अन्य शहर भी इस चक्रवात की चपेट में आकर घंटों सिसकते रहे।
चेन्नई में सार्वजनिक अवकाश घोषित
चेन्नई की कई कॉलोनियों में घंटों तक पानी भरा रहा। पॉश इलाके में लोग नाव से यात्रा कर रहे थे। तमिलनाडु के चेन्नई, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिलों में भी मंगलवार को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया। यहां निगम कार्यालय, बैंक और वित्तीय संस्थान बंद रहे। सभी स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान और सरकारी कार्यालय भी बंद रखे गए। रविवार से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है।
16 घंटे बाद चेन्नई एयरपोर्ट से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू
जलभराव के कारण चेन्नई एयरपोर्ट 16 घंटे तक बंद रहा। 16 घंटे बाद उड़ान संचालन शुरू हो सका। रनवे पर पानी जमा होने के कारण 70 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। 30 उड़ानों को बेंगलुरु डायवर्ट किया गया। साथ ही लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए वायुसेना की मदद ली गई। वायुसेना के चेतक हेलीकॉप्टर के जरिए खाने के पैकेट और राशन गिराए गए ताकि लोगों को खाना मिलने में कोई दिक्कत न हो।
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