
Uttarakhand panchayat elections: अगले महीने उत्तराखंड के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना था। शनिवार को राज्य चुनाव आयोग ने इसको लेकर अधिसूचना भी जारी की थी। सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव की सूचना जारी होने वाली थी। लेकिन इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगा दिया है। आरक्षण नियमावली का नोटिफिकेशन जारी ना होने के कारण कोर्ट ने ये फैसला दिया है। हालांकि, राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार की माने तो राज्य सरकार ने आरक्षण को लेकर पूरी प्रक्रिया पूरी हो गई थी। बता दें, पंचायत चुनाव को लेकर 25 तारीख से नामंकन शुरु होने वाला था। वहीं, दो चरणों में मतदान होना था। लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव की तारीख आगे बढ़ गई हैं। अब नई तारीख का ऐलान आने वाले समय में किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि, बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में ये याचिकाएं दायर की हैं। इनमें कहा है कि सरकार ने बीती नौ जून को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव के लिए नई नियमावली बनाई। साथ ही 11 जून को आदेश जारी कर अब तक पंचायत चुनाव के लिए लागू आरक्षण रोटेशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया है। जबकि हाईकोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि इस आदेश से पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी, वह चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है। इस कारण वे पंचायत चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं। इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि इसी तरह के कुछ मामले एकलपीठ में भी दायर हैं। जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने खंडपीठ में 9 जून को जारी नियमों को भी चुनौती दी है। सरकार की ओर से आगे बताया गया कि एकलपीठ के समक्ष केवल नए सिरे से आरक्षण लागू करने का उल्लेख वाले 11 जून के आदेश को चुनौती दी गई है।
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