What IS Amoebic Meningoencephalitis: हाल के दिनों में भारत के दक्षिणी राज्य केरल में एक घातक बीमारी ने दस्तक दी है। इस बीमारी का नाम अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (Amoebic Meningoencephalitis) बताया जा रहा है। जिसे आमतौर पर 'दिमाग खाने वाला कीड़े' के नाम से जाना जाता है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को एक आंकड़ा जारी किया है, जिसके तहत अभी तक 67मामलों की पुष्टि की है, जिनमें से 18लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने निगरानी बढ़ाने के निर्देश जारी किए है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और अनुपचारित जल स्रोतों का बढ़ता उपयोग इस महामारी को और गंभीर बना सकता है।
केरल में तेजी से बढ़ रहे मामले
बता दें, केरल स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 2025में अब तक 67पुष्ट मामले सामने आए हैं, जिसमें 18मौतें शामिल हैं। यह आंकड़ा पिछले महीनों में तेजी से बढ़ा है। अक्टूबर 2024में 10मामले, अगस्त में 8, और जुलाई-सितंबर में प्रत्येक में 5मामले दर्ज किए गए। कोझिकोड और मलप्पुरम जैसे जिलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, जहां हाल ही में एक 10वर्षीय लड़की और एक 45वर्षीय पुरुष की मौत हुई।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम परिवर्तन के कारण गर्मी बढ़ने से अमीबा की आबादी में वृद्धि हुई है। केरल जैसे नम और गर्म क्षेत्रों में अनुपचारित जल स्रोतों का उपयोग स्नान या तैराकी के लिए बढ़ा है, जो संक्रमण का मुख्य कारण बन रहा है। राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने चेतावनी जारी की है कि यह बीमारी अब मौसमी नहीं रही; मई से दिसंबर तक मामले दर्ज हो रहे हैं।
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस क्या है?
विशेषज्ञों ने बताया कि अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस दिमाग और उसके आसपास की झिल्लियों (मेनिन्जेस) में होने वाली एक गंभीर सूजन है, जो मुख्य रूप से नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) नामक एकल-कोशिकीय परजीवी अमीबा/कीड़े के कारण होती है। यह अमीबा गर्म और खराब पानी में पनपती है, लेकिन जब यह दूषित पानी नाक के माध्यम से दिमाग तक पहुंचता है, तो यह दिमाग ऊतक को नष्ट करने लगता है, जिससे प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) नामक संक्रमण होता है। डॉक्टरों की मानें तो इलाज न मिलने पर 4से 18दिन के अंदर ही जान जा सकती है। यह बीमारी बेहद दुर्लभ है, लेकिन इसकी घातकता दर 95%से ज्यादा है।
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के लक्षण
डाक्टरों ने बताया कि अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के लक्षण संक्रमण के 1से 9दिनों बाद सामने आते है। शुरुआत में ये बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस जैसे सामान्य लगते हैं, लेकिन तेजी से बिगड़ जाते हैं। शुरुआत के 1-2दिन में सिरदर्द, बुखार, मतली, उल्टी, स्वाद या गंध में बदलाव होता है। जिसके बाद गर्दन में अकड़न, नींद सही से न आना, दौरा पड़ना जैसे लक्षण होते हैं।
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से बचने के उपाय
1. मीठे पानी में तैराकी के दौरान नाक बंद रखें या नोज क्लिप का उपयोग करें।
2. डाइविंग या जंपिंग से बचें; सिर को पानी के ऊपर रखें।
3. स्विमिंग पूल में क्लोरीन स्तर 0.5 mg/L से अधिक रखें।
4. स्नान के लिए उबला या फिल्टर्ड पानी इस्तेमाल करें।
5. गर्मियों में संदिग्ध जल स्रोतों से दूर रहें।
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