Dengue-Malaria In Delhi: दिल्ली-एनसीआर में हाल की मूसलाधार बारिश ने न केवल सड़कों को तालाब बना दिया, बल्कि अब इसके स्वास्थ्य जोखिम भी सामने आ रहे हैं। नोएडा और दिल्ली के अस्पतालों में बुखार व जोड़ों के दर्द से जूझते मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिनमें से कई को डेंगू व मलेरिया जैसी मच्छरजन्य बीमारियों का शिकार पाया जा रहा।
अगस्त के अंतिम दिनों में हुई भारी वर्षा और कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात ने मच्छरों के पनपने का आदर्श वातावरण तैयार कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि बरसात के बाद रुका पानी इन रोगों का सबसे बड़ा कारण बनता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवतियों व कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों के लिए। मौसम परिवर्तन के बीच साफ-सफाई की कमी इन संक्रमणों को जानलेवा बना सकती है।
241 पहुंची संक्रमितों की संख्या
नोएडा में शुक्रवार को ही डेंगू के नौ नए केस दर्ज हुए, जिसके बाद प्रभावित घरों व आसपास के क्षेत्रों में एंटी-लार्वा स्प्रे का छिड़काव शुरू हो गया। मलेरिया अधिकारी श्रुति कीर्ति वर्मा ने जानकारी दी कि कुल संक्रमितों की संख्या अब 241 पहुंच चुकी है, जबकि स्वास्थ्य विभाग निरीक्षण अभियान तेज कर रहा है। डेंगू की जल्दी पहचान के लिए कार्ड-बेस्ड रैपिड एंटीजन टेस्ट किट्स सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक केंद्रों व आशा कार्यकर्ताओं तक पहुंचाई गई हैं, जो मात्र 15 मिनट में परिणाम देती हैं। नेगेटिव रिपोर्ट पर भी गंभीर लक्षण दिखें तो एलाइजा टेस्ट अनिवार्य है। पश्चिमी दिल्ली के एक अस्पताल के आईसीयू डॉक्टर सौरभ जोशी बताते हैं कि ओपीडी में रोजाना मच्छरजनित रोगों के मरीज आ रहे हैं, जिनमें तेज बुखार, लाल चकत्ते व शरीर दर्द प्रमुख हैं। हर साल अगस्त-अक्टूबर में ये मामले चरम पर होते हैं, और हाल की बाढ़ ने स्थिति को और जटिल बना दिया।
सतर्कता ही पहला इलाज
एडीज एजिप्टाई मच्छर के काटने से फैलने वाला डेंगू दिन के समय सक्रिय होता है और साफ रुके पानी (कूलर, गमले, टैंक) में पनपता है। इसके लक्षणों में 104°F तक बुखार, सिर-आंखों-जोड़ों का दर्द, उल्टी व त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं, जिसे 'हड्डी तोड़ बुखार' भी कहा जाता है। अनुपचारित रहने पर प्लेटलेट काउंट गिर सकता है, जो रक्तस्राव व हेमोरेजिक फीवर का कारण बनकर घातक सिद्ध होता है। बचाव के लिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें, पूर्ण बांह के कपड़े पहनें, मच्छरदानी व रिपेलेंट लगाएं, तथा सुबह-शाम कीटनाशक स्प्रे करें। बुखार पर सामान्य दवाओं से राहत न मिले तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। संक्रमण पकड़ में आने पर आराम करें, पैरासिटामोल लें (एस्पिरिन-इबुप्रोफेन से परहेज), तथा तरल पदार्थों व इलेक्ट्रोलाइट्स से हाइड्रेटेड रहें। विशेषज्ञ जोर देते हैं कि जलजमाव वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त सावधानी बरतें, क्योंकि साफ-सफाई ही इन रोगों पर लगाम लगाएगी।
Leave a comment