
Murder in Yamunanagar: हरियाणा के यमुनानगर में एक ऐसा मामला जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। तीन साल पहले मासूम बच्चे की बेरहमी से हत्या कर उसके शव को कई टुकड़ों में काटकर नाले में फेंक दिया गया था। यह जघन्य अपराध किसी और ने नहीं, बल्कि उसी बच्चे की सगी मां और सौतेले पिता ने किया। आज, इसी दिल दहला देने वाले मामले में न्यायालय ने दोनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाकर इंसाफ का संदेश दिया है।
11 दिसंबर 2022… एक गोताखोर को नाले में पड़ी बोरी से तेज दुर्गंध आई। जब बोरी खोली गई, तो अंदर तीन साल के मासूम वरुण की क्षत-विक्षत लाश थी। उसके पैर काटे गए थे, गर्दन पर तलवार के कई वार थे। यह दृश्य किसी भी इंसान की रूह को कंपा देने वाला था। पुलिस ने हर एंगल से जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। एक सफेद रंग की कार बार-बार घटनास्थल के आसपास आती-जाती दिखी। कड़ी से कड़ी जुड़ती गई और आखिरकार सच्चाई सामने आई। मासूम की हत्या किसी बाहरी ने नहीं, बल्कि उसकी सगी मां सीमा और सौतेले पिता तरसेम ने ही की थी।
12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया
मामले की सुनवाई के दौरान तमाम सबूत अदालत के सामने रखे गए। जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर.एस. डिमरी की अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही सौतेले पिता तरसेम पर 22 हजार रुपये और मां सीमा पर 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
जिस मां की गोद सबसे सुरक्षित मानी जाती है, उसी मां ने अपने ही जिगर के टुकड़े को मौत के घाट उतार दिया। सौतेले पिता के साथ मिलकर मासूम वरुण को तलवारों से काटा गया और उसकी लाश नाले में फेंक दी गई। आज अदालत के फैसले ने यह साफ कर दिया है कि चाहे अपराधी कोई भी हो, मां ही क्यों न हो। कानून के आगे कोई नहीं बच सकता। यह सजा उस मासूम के लिए इंसाफ है, जो बोल भी नहीं पाया। लेकिन उसकी खामोशी आज न्याय बनकर गूंज उठी।
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