Haryana: भाजपा सरकार ने चुनाव आयोग को पंगु बना दिया है, पक्षपात हो रहा है -डॉ. सुशील गुप्ता

Haryana: भाजपा सरकार ने चुनाव आयोग को पंगु बना दिया है, पक्षपात हो रहा है -डॉ. सुशील गुप्ता

Haryana News: आप के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र लोकसभा से ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने शानिवार को पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता की। इसके बाद उन्होंने कैथल की अनाज मंडी में डोर टू डोर अभियान चलाया। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला मौजूद रहे। डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि अब भाजपा के कार्यकर्ता केवल दरी बिछाने के लिए रह गए है। जिस व्यक्ति को प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर देश का सबसे बड़ा कोयला चोर बताते हैं। उसको भाजपा ने टिकट दिया।

भाजपा सरकार ने चुनाव आयोग को पंगु बना दिया है’

उन्होंने पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव आयोग को पंगु बना दिया है। सबसे पहले इन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदला। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि चुनाव निष्पक्ष हो इसके लिए चुनाव आयुक्त की नियुक्ती के लिए देश का प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश का पैनल बने, जिसको भाजपा ने बदल दिया। भाजपा ने चुनाव घोषणा से ठीक पहले मुख्य चुनाव आयुक्त का इस्तीफा लेकर अपनी मर्जी से नए चुनाव आयुक्त को ज्वाइन करवाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में हालात ऐसे हैं कि यदि चुनाव आयोग से प्रमीशन मांगे तो गालियां लिखकर देने लगे हैं। इससे बुरी बात कुछ नहीं हो सकती। प्रशासन साईट हैक होने का बहाना बना रही है, ऐसा सोची समझी साजिश के तहत किया गया है। चुनाव आयोग को इस पर उचित संज्ञान लेना चाहिए।

चुनाव आयोग पक्षपात कर रहा है’

उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर हम चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलेंगे और इस पर अपनी शिकायत दर्ज करवाएंगे। क्योंकि ऐसे गालियां लिखकर देना सिस्टम के विपरित है। यहां पर भी भाजपा अपने एजेंटों को बैठा कर रखती है और दिल्ली से लेकर कुरुक्षेत्र तक भाजपा ने विपक्षी पार्टियों के साथ यही किया है। यदि चुनाव आयोग का कार्यालय ऐसा व्यवहार करता है तो देश की जनता चुनाव को निष्पक्ष कैसे माने। जब से चुनाव की घोषणा हुई है तब से चुनाव आयोग ने पूरे शहर से हमारे बैनर तो उतार दिए और भाजपा के बैनर आज भी शहर में लगे हुए हैं। इसका मतलब चुनाव आयोग पक्षपात कर रहा है। चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा है।

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