
Bhiwani News: प्रदेश में पूर्वकालीन सभ्यता से जहां शादी-विवाह की अलग-अलग तरीके से रस्मे निभाई जाती थी ऐसे में बवानी खेड़ा के पुर गांव में बेटियों के विवाह से पूर्व गाव में घुड़चढ़ी निकाल लड़की पिता पवन कुमार ने क्षेत्र में अनोखी पहल की शुरुआत की है। अपनी दोनों लड़कियों की घुड़चढ़ी निकाल लड़की माता-पिता ने लड़का लड़की एकसमान का संदेश दिया। और परिजनों ने नाच-गाने पर नृत्य कर खुशी मनाई।
बेटियों के सम्मान में बढ़ावे को लेकर बुधवार को गांव में दो लड़कियों की घुड़चढ़ी निकाली गईं। जिसमें महिलाओं और पुरुषों ने नाच-गाकर पर अपनी खुशी मनाई। जिससे कि समाज मे लड़का लड़की एक समान का संदेश और बेटी बढ़ावे को जागरूकता मिलेगी। परिजनों का कहना है कि पूर्व सभ्यता में केवल लड़कों की शादी विवाह में ही घुड़चढ़ी निकाली जाती थी परन्तु आज के दौर में सामाजिक बदलाव होने से लडकियां भी किसी दौर में लड़कों से कम नहीं है। उनके सम्मान में हर वर्ग से सामाजिक बढ़ावे के प्रयास किये जा रहे है। और आज उन्हें अपनी दोनों लड़कियों की गाँव मे घुड़चढ़ी निकालने की बड़ी खुशी है।
अनोखी पहल कर समाज को दिया संदेश
परिजनों ने बताया कि अपनी दो लड़कियों की घुड़चढ़ी निकाल कर वह बेहद खुश और परिवार में भी बड़ी खुशी उन्होंने अपनी दोनों लड़कियों को बेटे की तरह ही पालन-पोषण किया है। उनकी दोनों लड़कियों की इच्छा थी कि उनकी गांव मे घुड़चढ़ी निकाली जाए। उनका उद्देश्य ह की समाज में लड़का लड़की में भेदभाव न समझ लड़कियों को भी बेटे का दर्जा मील सके। पूर्व में केवल लड़को की ही शादी-विवाह में घुड़चढ़ी रस्म होती थी जबकि आजकल सामाजिक बदलाव दौर में लड़कियों के विवाह रस्म बदलाव का प्रचलन बढ़ रहा है। जिससे कि सामाजिक संदेश भी मिलता है।
लड़कियों के नाम पर पहले भी शुरू हुई थी दूसरी पहल
आपको बता दें कि बवानी खेड़ा का पहले भी हर घर बेटी के नाम से एक पहल की शुरुआत कर चुका है जिसमें की घरों के बाहर लड़की के नाम से प्लेट लगाई गई ताकि लड़कियों की पहचान को बढ़ावा मिल सके। बुधवार को गांव में दो लड़कियों की घुड़चढ़ी चर्चित विषय बन सामाजिक सोच बदलाव को कितना प्रभावित करेगी। यह देखना होगा।
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