
Israel-Hamaswar:इजरायल-हमास के चल रहे युद्ध को करीबन 2 महीने से ऊपर हो गया है। जिसमें लाखों लोगों की जान चली गई। फिलहाल इस जंग को तत्काल रोकने के प्रस्ताव का दौर चल रहा है। जिसमें मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक रखी गई जिसमें इस जंग को तत्काल रोकने का प्रस्ताव रखा गया। इस प्रस्ताव में 193 सदस्यीय ने अपना मत दिया जिसमें भारत भी शामिल है। चलिए आपको भारत ने इस जंग को लेकर क्या मत दिया उसके बारे में बताते है।
जंग को तत्काल रोकने के लिए मसौदा प्रस्ताव पेश
दरअसल संयुक्त राष्ट्र महासभा में मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया गया जिसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय युद्धविराम के साथ-साथ सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई। इस प्रस्ताव को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक आपातकालीन विशेष सत्र में मिस्र द्वारा पेश किए गया। वहीं मसौदा प्रस्ताव को एडॉप्ट किया। इस प्रस्ताल में यूएन के 153 सदस्य देशों ने पक्ष में मतदान किया, वहीं 23 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और 10 देशों ने प्रस्ताव के विपक्ष में वोट किया।
भारत ने इस पक्ष में दिया अपना समर्थन
वहीं भारत की बात करें तो इस मतदान में भारत ने तत्काल मानवीय युद्धविराम के प्रस्ताव के समर्थन। हालांकि, प्रस्ताव में हमास का नाम नहीं था। भारत अक्टूबर में महासभा में उस प्रस्ताव पर वोटिंग से अबसेंट रहा था, जिसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय युद्ध विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच का आह्वान किया गया था। जॉर्डन द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में पूरे गाजा पट्टी में नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के तत्काल, निरंतर, पर्याप्त और निर्बाध प्रावधान का भी आह्वान किया गया।
किन देशों ने किया समर्थन
अल्जीरिया, बहरीन, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और फिलिस्तीन ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसमें गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम का आह्वान किया गया है। अमेरिका, ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, ग्वाटेमाला, इज़राइल, लाइबेरिया, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पापुआ न्यू गिनी और पराग्वे उन देशों में से थे जिन्होंने युद्धविराम प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। प्रस्ताव में सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के साथ-साथ मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने और सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करने का आह्वान किया गया।
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