
PM Modi Saudi Arabia Visit: पिछले कुछ वर्षों में भारत ने खाड़ी देशों के साथ संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। खासकर उन देशों में, जहां पहले पाकिस्तान की पकड़ मानी जाती थी। पाकिस्तान लंबे समय से इस्लामिक भाईचारे के नाम पर इन देशों का समर्थन हासिल करता रहा, लेकिन अब भारत की सक्रिय विदेश नीति और प्रधानमंत्री मोदी के विशेष प्रयासों से खाड़ी देशों का झुकाव भारत की ओर बढ़ रहा है।
बता दें कि,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर सऊदी अरब रवाना हो रहे हैं। ये उनकी तीसरी यात्रा होगी, इससे पहले वे 2016और 2019में भी सऊदी जा चुके हैं। इस यात्रा का उद्देश्य ऊर्जा, व्यापार, निवेश और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मज़बूत करना है। ये दौरा सितंबर 2023में हुए G20शिखर सम्मेलन के बाद हो रहा है, जिसमें सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भारत का दौरा किया था।
छह प्रमुख क्षेत्रों में होंगे नए समझौते
इस दौरे के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच कम से कम छह प्रमुख क्षेत्रों में समझौते होने की उम्मीद है। इनमें अंतरिक्ष, ऊर्जा, स्वास्थ्य, विज्ञान, संस्कृति और उन्नत तकनीक शामिल हैं। जेद्दा को दोनों देशों के ऐतिहासिक व्यापारिक और सांस्कृतिक संपर्क का केंद्र माना जाता है और ये मक्का का प्रवेश द्वार भी है।
भारतीय प्रवासियों और कंपनियों की बढ़ती भागीदारी
वर्तमान में सऊदी अरब में करीब 28लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं। अब केवल दक्षिण भारत ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग यहां काम कर रहे हैं। 2016के बाद से 1,000से अधिक भारतीय कंपनियों ने सऊदी में अपने कार्यालय स्थापित किए हैं, विशेषकर निर्माण, आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में।
पाकिस्तान को सऊदी से झटका, भारत को प्राथमिकता
सऊदी अरब, जो कभी पाकिस्तान का प्रमुख सहयोगी था, अब उसके रवैये से नाखुश है। पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती की गई है और कश्मीर मुद्दे पर भी अब सऊदी अरब तटस्थ रुख अपना रहा है। पाकिस्तानी हज यात्रियों के व्यवहार से भी सऊदी सरकार परेशान है, जिनमें से कई भीख मांगते पाए गए हैं। भारत के साथ रिश्तों के फायदे को देखते हुए सऊदी अब पाकिस्तान में निवेश कम कर रहा है और रिफाइनरी प्रोजेक्ट को भी रद्द कर चुका है।
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