Kamal Haasan: 10 जून तक टली कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ की रिलीज, कोर्ट ने लगाई फटकार

Kamal Haasan: 10 जून तक टली कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ की रिलीज, कोर्ट ने लगाई फटकार

Thug Life Release : वो कहावत हैं न कुछ बोलने से पहले 100 बार सोचना चाहिए, और कमल हसन इस बात का लाइव उदाहरण हैं। दरअसल, हाल ही में कन्नड़ भाषा को लेकर दिए गए कमल हासन के बयान का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा हैं। बिना सोचे समझे आपत्तिजनक टिप्पणी करना और फिर माफी न मांगना कमल हासन को अब महंगा पड़ गया है। जिसका खामियाजा उनकी आने वाली फिल्म ‘ठग लाइफ’ को उठाना पड़ा है। जो फिलहाल 5 जून को कर्नाटक में रिलीज नहीं होगी। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक फिल्म के कर्नाटक में रिलीज होने पर रोक लगा दी है।

10 जून तक टली फिल्म रिलीज डेट

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ की रिलीज पर रोक से जुड़े मामले में सुनवाई 10 जून तक टाल दी है। कोर्ट ने कहा कि कमल हासन के कन्नड़ भाषा पर दिए बयान से राज्य में तनाव फैला है। एक्टर ने फिल्म की रिलीज के लिए सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी बयान पर सवाल उठाए और माफी मांगने की सलाह दी। फिलहाल, यह फिल्म 5 जून के बजाय कर्नाटक में 10 जून तक रिलीज नहीं हो पाएगी।

माफी मांगने से कमल हासन ने किया इंकार

कमल हासन ने कर्नाटक में ‘ठग लाइफ’ की रिलीज को अभी रोकने पर सहमति दी है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उनपर कन्नड़ समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप लगा  था ।जिसको लेकर अभीनेता ने माफी मांगने से इनकार कर दिया हैं। उनका कहना है कि उनके बयान में कोई दुर्भावना नहीं थी। कमल हासन ने कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा है, ताकि विवाद सुलझाया जा सके।

क्या है विवाद की जड़?

यह विवाद ‘ठग लाइफ’ के ऑडियो लॉन्च के दौरान कमल हासन के एक बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल से हुआ। इस बयान से कर्नाटक में भारी विरोध हुआ और कन्नड़ संगठनों ने माफी की मांग की। कोर्ट में जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि कमल हासन का बयान गलत संदर्भ में लिया गया, लेकिन इससे लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उनके वकील ध्यान चिन्नप्पा ने तर्क दिया कि बयान कन्नड़ सुपरस्टार की मौजूदगी में स्नेह के साथ कहा गया था।

कोर्ट की कड़ी टिप्पणी

जस्टिस नागप्रसन्ना ने कमल हासन से कहा, “आप कमल हासन हों या कोई और, लोगों की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकते। यह देश भाषाई आधार पर बंटा है। ऐसे बयान से अशांति फैलती है।” कोर्ट ने पूछा कि अगर कोई दुर्भावना नहीं थी, तो माफी में क्या हर्ज है? कोर्ट ने यह भी कहा कि कमल हासन न इतिहासकार हैं, न भाषाविद्, इसलिए उन्हें इस तरह के बयान देने का अधिकार नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 10 जून को होगी।

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