
Sitaree Zameen Par Boycott: बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार उनकी फिल्म 'सितारे जमीन पर' की रिलीज से पहले उठा विवाद और उनका ताजा कदम चर्चा का केंद्र बन गया है। आमिर खान, जिन्हें उनकी संवेदनशील कहानियों और सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों के लिए जाना जाता है, अपनी आगामी फिल्म 'सितारे जमीन पर' के साथ बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रहे हैं। यह फिल्म 2007 की उनकी सुपरहिट फिल्म 'तारे जमीन पर' का आध्यात्मिक सीक्वल है, जो डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों की कहानी को हल्के-फुल्के अंदाज में पेश करती है। ट्रेलर रिलीज के साथ ही जहां कुछ लोगों ने इसकी कहानी और संदेश की तारीफ की, वहीं सोशल मीडिया पर फिल्म के बायकॉट की मांग ने जोर पकड़ लिया।
इस बायकॉट की मांग के पीछे आमिर खान का तुर्की कनेक्शन और हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच उनकी चुप्पी को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। खासकर, 2020 में तुर्की की फर्स्ट लेडी एमिन एर्दोगन से उनकी मुलाकात और 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे संवेदनशील मुद्दों पर उनकी कथित खामोशी ने कुछ सोशल मीडिया यूजर्स को नाराज कर दिया है। इस विवाद के बीच, आमिर खान के प्रोडक्शन हाउस ने एक ऐसा कदम उठाया, जिसने सभी का ध्यान खींच लिया। आमिर खान प्रोडक्शंस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स की डिस्प्ले पिक्चर को बदलकर भारत का तिरंगा लगा दिया। इस कदम को कुछ लोग डैमेज कंट्रोल की कोशिश बता रहे हैं, तो कुछ इसे आमिर की देशभक्ति का प्रतीक मान रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कदम बायकॉट की आग को ठंडा कर पाएगा, या यह विवाद और भड़केगा? आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
विवाद की जड़: तुर्की कनेक्शन और चुप्पी
आमिर खान की फिल्म'सितारे जमीन पर' का ट्रेलर 13 मई 2025 को रिलीज हुआ था। ट्रेलर में आमिर एक बास्केटबॉल कोच के रूप में नजर आ रहे हैं, जो दिव्यांग बच्चों की एक टीम को ट्रेन करता है। फिल्म की कहानी और इसके हल्के-फुल्के अंदाज ने कई लोगों का दिल जीता, लेकिन कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर#BoycottSitaareZameenPar और#BoycottTurkey जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
बायकॉट की मांग के पीछे दो मुख्य कारण सामने आए। पहला, 2020 में आमिर खान की तुर्की यात्रा, जहां उन्होंने तुर्की की फर्स्ट लेडी एमिन एर्दोगन से मुलाकात की थी। उस समय तुर्की और पाकिस्तान के बीच करीबी रिश्तों के कारण इस मुलाकात की भारत में काफी आलोचना हुई थी। हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया, जिससे भारतीयों में तुर्की के प्रति गुस्सा और बढ़ गया। सोशल मीडिया यूजर्स ने आमिर की पुरानी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हुए उन्हें'तुर्की का समर्थक' और'देशविरोधी' तक करार दिया। दूसरा कारण है आमिर खान कीऑपरेशन सिंदूर' जैसे मामलों पर चुप्पी।
आमिर का तिरंगा कदम: डैमेज कंट्रोल या सच्ची देशभक्ति?
इन विवादों के बीच, 17 मई 2025 को आमिर खान प्रोडक्शंस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर अपनी डिस्प्ले पिक्चर को बदलकर भारतीय तिरंगा लगा दिया। पहले इन हैंडल्स पर प्रोडक्शन हाउस का लोगो हुआ करता था। इस बदलाव ने तुरंत लोगों का ध्यान खींचा और सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई। कुछ यूजर्स ने इसे आमिर खान की ओर से डैमेज कंट्रोल की कोशिश करार दिया। रेडिट पर एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, "हाहा, ऑनलाइन बायकॉट हो रहा है, तो जाहिर है कि उन्होंने तिरंगा लगाकर डैमेज कंट्रोल किया है।" एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए कहा, "बेकार में डैमेज कंट्रोल कर रहे हैं, अब कुछ नहीं होने वाला।" हालांकि, कुछ लोगों ने आमिर का समर्थन भी किया।
लोगों की प्रतिक्रिया: दो धड़ों में बंटा सोशल मीडिया
सोशल मीडिया पर आमिर के तिरंगा कदम को लेकर प्रतिक्रियाएं दो धड़ों में बंटी हुई हैं। एक तरफ वे लोग हैं जो इसे महज पब्लिसिटी स्टंट मान रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "तुर्की का यार अब तिरंगा लगाकर देशभक्त बन रहा है? पहले ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते, तब विश्वास होता।" दूसरी तरफ, कुछ लोग इसे आमिर की सच्ची देशभक्ति का प्रतीक बता रहे हैं। एक प्रशंसक ने लिखा, "आमिर ने हमेशा अपनी फिल्मों से समाज को कुछ नया दिया है। उनकी चुप्पी का मतलब यह नहीं कि वह देशविरोधी हैं।"
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