Delhi Water crisis: जल संकट पर हरियाणा और दिल्ली के बीच जंग जारी, अब पानी की चोरी का मामला आया सामने

Delhi Water crisis: जल संकट पर हरियाणा और दिल्ली के बीच जंग जारी, अब पानी की चोरी का मामला आया सामने

Delhi Water crisis: एक तरफ भीषण गर्मी ने दिल्ली वालों का हाल बेहाल कर दिया है। वहीं लोग पानी के बूंद-बूंद के लिए तरस रहे है, लेकिन दिल्ली सरकार का ये कहना है कि हरियाणा के द्वारा पानी नहीं दिया जा रहा है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा ने तो पानी छोड़ा था लेकिन 20 परसेंट के करीब पानी रास्ते में ही गायब हो गया है। इसके अलावा कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक पानी दिल्ली के लिए छोड़ने का आदेश दिया गया था। लेकिन आदेश के बावजूद दिल्ली के लोगों को पानी नहीं मिल रहा है।

बता दें कि अधिकारियों की मांह है कि पानी की भीषण किल्लत के बीच बवाना तक आते-आते इतने ज्यादा पानी के गायब होने का पता लगाना बहुत जरूरी है। जिसके बाद एलजी ने हरियाणा को गायब हो रहे पानी का पता लगाने का आदेश दिया। अपर यमुना रिवर बोर्ड के अधिकारियों ने दिल्ली-हरियाणा के अधिकारियों संग रविवार को मुनक नहर का निरीक्षण भी किया था।

जल संकट के बीच अधिकारियों को दिए ये निर्देश

गौरतलब है क आतिश ने जल संकट पर कहा है कि सावन के पवित्र महीने में कांवड़ियों की सेवा और सुविधाओं के लिए केजरीवाल सरकार ने अभी से तैयारियाँ शुरू कर दी है। इस साल भी केजरीवाल की सरकार दिल्ली भर में लगभग 200 कांवड़ कैम्प लगवाएगी। इसकी तैयारियों को लेकर सभी ज़िलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। अधिकारियों को निर्देश दिए है कि, शिविर को लेकर ज़रूरी तैयारियाँ शुरू कर दी जाए और हर सप्ताह उसकी रिपोर्ट सौंपी जाए।

मानसून के लिए दिल्ली सरकार की तैयारियां शुरू

वहीं आतिशी का ये भी कहना है कि केजरीवाल सरकार ने मानसून को लेकर तैयारियाँ शुरू कर दी है। इसके मद्देनज़र शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज और मेयर ओबेरॉ यशेली के साथ - PWD, MCD, I&FC, DDA, DCB व NDMC की मानसून की तैयारियों की समीक्षा की। एजेंसियों द्वारा नालों की डिसिल्टिंग व अन्य तैयारिया युद्धस्तर पर जारी है। साथ ही सभी संभावित जलभराव वाले इलाक़ों की पहचान कर वहाँ पम्प तैनात किया जाएगा और स्थानीय विधायकों को इसकी जानकारी भी मुहैया करवाई जाएगी। सभी एजेंसीज आपसी coordination के साथ काम कर सुनिश्चित करेंगी कि, मानसून के दौरान दिल्ली के लोगों को जलभराव की समस्या का सामना न करना पड़े।

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