
Congress On Kejriwal: दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरु हो चुकी है। सभी दलों ने जनता के बीच जाना शुरु कर दिया है या फिर जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच अरविंद केजरीवाल ने “ऐकला चलो”के तर्ज विधानसभा चुनाव लड़ने की थामी है। रविवार को उन्होंने बिना किसी गठबंधन के ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया। अब केजरीवाल के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस ने भी आप के साथ गठबंधन से इनकार करते हुए कहा कि अलायंस की वजह से हमें लोकसभा में नुकसान उठाना पड़ा था।गौरतलब है कि लोकसभा में कांग्रेस और आप साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी थी। हालांकि, सभी 7 सीटों पर कांग्रेस-आप गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था।
बता दें, अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने की आशंका जताई जा रही है। साल 2013 से लगातार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है। पिछले दो चुनावों में आप को एकतरफा जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस का खाता पिछले दो विधानसभा चुनाव में नहीं खुला है। ऐसे में कांग्रेस इस चुनाव में दमदार प्रदर्शन और करीब एक दशक सत्ता में वापसी की आस लिए जमकर मेहनत कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव “दिल्ली न्याय यात्रा”के जरिए खो चुके जनाधार को फिर से पाने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस ने केजरीवाल पर किया पलटवार
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने केजरीवाल द्वारा गठबंधन पर बयान जवाब देते हुए कहा, "कांग्रेस में लोकतंत्र है, हर चीज की समीक्षा की जाती है। कांग्रेस में अधिनायकवाद या तानाशाही नही है, कोई हुक्म नहीं दिया जाता, हर विषय पर सलाह और विचार करके निर्णय लिए जाते है। दिल्ली कांग्रेस आश्वस्त है कि अब किसी प्रकार को कोई गठबंधन या कोई समझौता नही होगा। 2025 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भ्रष्ट केजरीवाल की पार्टी से कोई समझौता नहीं करेगी।"
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने आप पर निशाना साधते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार की विफलता पूरी तरह उजागर हुई है। मंहगाई कम करने, बेरोजगारी मिटाने, का जो वादा किया था, उसे पूरा नही किया। अरविंद केजरीवाल दिल्ली में जहां-जहां जा रहे है उन्हें जनता के साथ वादाखिलाफी के कारण विरोध सहना पड़ रहा है। दिल्ली की जनता जवाब मांग रही है।
सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
देवेंद्र यादव ने आगे कहा, "कांग्रेस 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में सभी 70 विधानसभाओं पर अपने उम्मीदवारों के साथ चुनाव में उतरेगी। लोकसभा चुनाव में हमें यह अहसास था कि हमें आम आदमी पार्टी का जनता द्वारा विरोध का खामियाजा उठाना पड़ेगा और हुआ भी वही।" उन्होंने आगे कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी बढ़ती लोकप्रियता और कांग्रेस के बढ़ते ग्राफ के साथ अगर लोकसभा चुनाव में हम गठबंधन न करके अकेले लड़ते तो हमें जरूर फायदा होता, कांग्रेस को मिला वोट प्रतिशत यह साबित भी करता है। कांग्रेस प्रत्याशियों को गठबंधन से नुकसान हुआ जिसके कारण हम एक भी सीट नहीं जीत सके।
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