स्पोर्ट्स क्लब से नाइट क्लब तक...इन जगाहों पर अनमोल बिश्नोई ने इन्वेस्ट किए थे पैसे, जांच में हुए चौंकाने वाले खुलासे

स्पोर्ट्स क्लब से नाइट क्लब तक...इन जगाहों पर अनमोल बिश्नोई ने इन्वेस्ट किए थे पैसे, जांच में हुए चौंकाने वाले खुलासे

Anmol Bishnoi: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार एक उच्च-स्तरीय डोज़ियर ने कुख्यात बिश्नोई गिरोह के वैश्विक वित्तीय नेटवर्क का परत-दर-परत पर्दाफाश किया है। रिपोर्ट से पता चला है कि गिरोह ने भारत में उगाही से जुटाए करोड़ों रुपए को विदेशों में विभिन्न व्यवसायों में निवेश किया, जिसमें स्पोर्ट्स क्लब, रियल एस्टेट और मनोरंजन से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। यह नेटवर्क जितना बड़ा है, उतना ही संगठित भी—और इसके केंद्र में है गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई, जिसे आज भारत लाया जा रहा है।

अनमोल बिश्नोई लंबे समय से पुलिस की वांटेड लिस्ट में शामिल रहा है। उस पर एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश और सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग के मामले में संलिप्तता के आरोप हैं। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, वही गिरोह की उगाही प्रणाली का प्रमुख संचालक था और विदेशों में निवेश की पूरी रणनीति उसी के इशारों पर चलती थी। याच, फिल्म प्रोजेक्ट, कैनेडियन प्रीमियर लीग जैसी गतिविधियों के अलावा उसने थाईलैंड के नाइट क्लब और बार में भी भारी निवेश करवाया।

हवाला नेटवर्क के जरिए विदेशों तक पहुंचता था काला धन

एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि गिरोह ने कनाडा और थाईलैंड में पैसा भेजने के लिए हवाला चैनलों का व्यापक उपयोग किया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए एक सहयोगी के परिजनों की ₹17.82करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। डोज़ियर में यह भी दर्ज है कि अनमोल विदेशों में रहते हुए एन्क्रिप्टेड चैट और वर्चुअल प्लेटफॉर्म के जरिए अपने साथियों से संपर्क बनाए रखता था। राजस्थान में ही उसके खिलाफ हत्या, अपहरण और उगाही सहित 20से अधिक मामले दर्ज हैं।

मूसेवाला हत्याकांड में भी भूमिका साबित

एजेंसियों की जांच में यह पहले ही पुष्टि हो चुकी है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या में अनमोल का हाथ था। उसने हमलावरों को महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक समर्थन दिया था। नकली पहचान और फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग करके वह लंबे समय तक गिरफ्तारी से बचता रहा। 2023में जाली पासपोर्ट से भारत छोड़ने के बाद उसे अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में इमिग्रेशन विभाग ने पकड़ लिया था।

एनआईए ने अनमोल पर ₹10 लाख का इनाम रखा था और उसे अपनी मोस्ट वांटेड सूची में शामिल किया था। अब उसका प्रत्यर्पण भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक अहम सफलता माना जा रहा है। माना जा रहा है कि पूछताछ में बिश्नोई गिरोह की अंतरराष्ट्रीय फंडिंग, सहयोगियों और भविष्य की योजनाओं से जुड़े कई अहम राज़ सामने आएंगे, जिससे देशभर में सक्रिय इस गैंग के नेटवर्क को कमजोर करने में मदद मिलेगी

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