
Congress Meeting In Belagavi: लोकसभा चुनाव में 99 सीट हासिल करने के बाद कांग्रेस को उम्मीद थी कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जीत मिलेगी लेकिन, हुआ उम्मीद के उलट। हरियाणा और महाराष्ट्र की हार ने कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर दिया की खामी कहां है? हालांकि झारखंड में कांग्रेस सत्ता में जरूर हैं लेकिन वहां हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा बड़े भाई की भूमिका में है। सच तो ये है कि झारखंड में कांग्रेस को भाजपा से भी कम सीटें आई हैं।
अब कांग्रेस आलाकमान के सामने चुनौती है कि आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए क्या रणनीति बनाई जाए। खासकर दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक है। उसके बाद बिहार और पश्चिम बंगाल का चुनाव आने वाला है। वहीं, आने वाले चुनावों के लिए रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस आलाकमान 26 दिसंबर को बेलगावी में मंथन करने जा रहा है। जिसमें काग्रेस के 200 कार्यकर्ता शामिल होंगे। बेलागवी में कांग्रेस आलाकमान दो दिनों तक मंथन करेगा।
बैठक में कौन-कौन से मुद्दों पर होगी
बेलगावी में कांग्रेस वर्किंग कमेटि की बैठक में हरियाणा और महाराष्ट्र की हार पर चिंतन करने के साथ आगे बढ़ने और बीजेपी को घेरने की रणनीति बनाई जाएगी। ऐसे में कांग्रेस दो अहम प्रस्ताव पास कर मोदी सरकार को घेरन की रणनीति बनाएगी। मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश के सामने आने वाली चुनौतियों पर केंद्रित राजनीतिक चिंताओं और कार्ययोजना पर प्रस्ताव पास करेगी। इसके बाद दूसरा प्रस्ताव कांग्रेस आंबेडकर विवाद पर लाएगी। इस तरह से कांग्रेस संविधान के मुद्दे पर भी भाजपा को घेरेगी।
जयपुर में भी हुई थी बैठक
इससे पहले, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने राजस्थान के उदयपुर और छत्तीसगढ़ के रायपुर में अधिवेशन कर भाजपा के खिलाफ एक नई रणनीति के साथ उतरी थी। उदयपुर में ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का खाका तैयार हुआ था। जिसके जरिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा कर राहुल ने लोगों के साथ संवाद किया था। राहुल की यात्रा से कांग्रेस में नया जोश और नया जज्बा भरा था, जिसका फायदा पार्टी को 2024 लोकसभा चुनाव में मिला था।
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