चीन का परमाणु हथियार वार्ता में शामिल ना होने का इरादा

चीन का परमाणु हथियार वार्ता में शामिल ना होने का इरादा

चीन ने बुधवार को कहा कि उसका त्रिपक्षीय हथियार नियंत्रण वार्ता में भाग लेने का कोई इरादा नहीं है।इससे एक दिन पहले वॉशिंगटन ने बीजिंग से मास्को के साथ होने वाली उसकी परमाणु हथियार वार्ता में शामिल होने के लिए कहा था।

अमेरिका इससे पहले रूस के साथ दो दौर की वार्ता कर चुका है। इस बातचीत का मकसद पिछले साल खत्म हुई 'शीत युद्ध परमाणु संधि' के बाद महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों के बारे में गलतफहमी को कम करना है। इस संधि के खत्म होने से हथियारों की एक नई दौड़ पैदा होने की आशंका हो गई थी।

वॉशिंगटन ने संकेत दिया था कि बीजिंग को भी वार्ता में शामिल होना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग श्वांग ने आरोप लगाया कि अमेरिका “परमाणु निरस्त्रीकरण की अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए इस बदलाव के बहाने” चीन का इस्तेमाल कर रहा है।

वॉशिंगटन ने चीन के बढ़ते परमाणु शास्त्रागार को लेकर पारदर्शिता के अभाव पर चेतावनी दी है, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जोर दिया है कि नए निरस्त्रीकरण समझौते में चीन को भी शामिल करने की जरूरत है।

गेंग ने अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा, “दुनिया में सबसे ज्यादा और सबसे अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा रखने वाले देश को परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी विशेष जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाना चाहिए।

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