
Chhattisgarh News: हिडमा की मौत की खबर मिलते ही उसके गांव सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के पुवर्ती गांव में मातम छा गया। यह हिड़मा का गांव है। उनकी मां आज भी इस गांव में रहती है। हिड़मा की मौत की खबर सुनते ही उसकी मां बेटे के लिए अपना दर्द नहीं रोक पा रही है। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
कच्ची झोपड़ी के बाहर बैठी उसकी मां अपना दर्द रोक नहीं पा रही है। आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। बताया जा रहा है किकुछ दिन पहले हिड़मा की मां ने अपील की थी किलौट आ बेटा, सरेंडर कर ले।लेकिन उसकी यह विनती अधूरी ही रह गई। 10 नवंबर को डिप्टी सीएम विजय शर्मा गांव आए थे और हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की थी। उस दिन लोगों को उम्मीद जगी थी कि शायद हिड़मा भी वापस आएगा। पर किस्मत ने मौका नहीं दिया। 18 नवंबर की मुठभेड़ में हिड़मा मारा गया।
गांव में पसरा सन्नाटा
हिडमा की मौत की खबर मिलते ही उसकी मां बार-बार बस यही रोकर कहती रही कि मैंने कितनी बार कहा था लौट आ बेटा। उसकी मौत के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा रहा। हिड़मा का अंत सिर्फ एक माओवादी की मौत नहीं, बल्कि एक मां की उम्मीदों का टूट जाना है। बता दें कि आंध्र प्रदेश-ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर अल्लूरी सीतारामाराजू जिले में मंगलवार को सुरक्षाबलों के साथ एनकाउंटर में हिडमा मारा गया।
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