Chhath Puja: दिवाली के बाद छठ पूजा को लेकर असमंजस, जानें नहाय-खान और सूर्य अर्ध्य की सही तारीख

Chhath Puja: दिवाली के बाद छठ पूजा को लेकर असमंजस, जानें नहाय-खान और सूर्य अर्ध्य की सही तारीख

Chhath Puja Celebration Date: साल 2024 में दिवाली कहीं 31 अक्टूबर को मनाई गई, तो कहीं 1 नवंबर को मनाई जा रही है। जिसके बाद छठ पूजा को लेकर लोगों के मन में असमंजस है। अमजमंस इस बात की है कि आखिर इस साल छठ पूजा किस तारीख को मनाई जाएगी। क्योंकि, छठ पूजा, दिवाली के ठीक सात दिन बाद मनाई जाती है।

द्रिक पंचाग के मुताबिक, छठ पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाई जाती है। वहीं, इस साल षष्ठी तिथी 7 नवंबर को दोपहर 12 बजे से शुरू होगी और 8 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। इस स्थिति में 7 नवंबर को ही छठ पूजा मनाई जाएगी यानी 7 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं, 8 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा। 

36 घंटे का निर्जला व्रत  

हिन्दू धर्म में छठ पूजा के दौरान छठी मैया और सूर्य देवता की पूजा की जाती है। छठ पूजा चार दिनों तक होती है। जिसकी शुरूआत नहाय-खाय से होती है। जिसके बाद डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। फिर अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य के दौरान महिलाएं नदी में रहकर सूर्य भगवान के अस्त और उदय होने की प्रतिक्षा करती हैं। बता दें कि, छठ पूजा के दौरान 36 घंटे तक महिलाएं बगैर अन्न के रहती है। जो बेहद ही कठीन माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, छठी मइया की पूजा करने से व्रती को आरोग्यता, सुख-समृद्धि और संतान का सुख मिलता है।    

छठ पूजा का महत्व                

छठ पूजा विश्वास, श्रद्धा और प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक है। यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है।  सूर्य देव को जीवनदाता माना जाता है और छठी मैया संतान की देवी मानी जाती हैं। इस पर्व के माध्यम से लोग प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। छठ पूजा के दौरान सूर्य, जल और वायु की भी पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार छठ पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

जानें छठ पूजा की तिथी              

5 नवंबर -  नहाय खाय

6 नवंबर -  खरना

7 नवंबर - डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा यानी संधया अर्घ्य

8 नवंबर -  उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा यानी सुबह का अर्घ्य                  

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