Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के 6वें दिन ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा, जानें पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के 6वें दिन ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा, जानें पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri 2024: आज चैत्र नवरात्रि की छठी माला है। आज 14अप्रैल 2024को देवी कात्यायनी की पूजा की जाएगी। देवी दुर्गा की छठी शक्ति देवी कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था, इसलिए उनका नाम कात्यायनी पड़ा। अविवाहित लोगों के शीघ्र विवाह और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए माता कात्यायनी की पूजा करना लाभकारी माना जाता है। देवी कात्यायनी की कृपा से व्यक्ति को समान विचारधारा वाला साथी मिलता है

कात्यायनी माता ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। ऐसी धारणा है कि इनके आशीर्वाद से भक्त को जीवनसाथी मिलता है। जानिए चैत्र नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा विधि, उनके पसंदीदा प्रसाद, रंग और मंत्र।

शुभ मूहर्त

चैत्र नवरात्रि पर देवी कात्यायनी की पूजा के लिए सूर्यास्त का समय शुभ माना जाता है। इस दौरान देवी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 13अप्रैल को दोपहर 12बजकर 04मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इसका समापन 14अप्रैल को सुबह 11बजकर 43मिनट पर होगा। आप सुबह 9बजे तक कात्यायनी देवी की पूजा कर सकते हैं। यह पूजन का शुभ मुहूर्त है।

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी। इसी दिन से दुर्गा पूजा की शुरुआत होगी। मां कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत भी रखते हैं। माना जाता है कि मां कात्यायनी व्रत सबसे पहले भीरभूमि की गोपिकानी ने कृष्ण को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए किया था।

पूजा विधि

नवरात्रि के छठे दिन सबसे पहले हाथ में फूल लेकर देवी कात्यायनी का ध्यान करें। इसके बाद देवी कात्यायनी की पंचोपचार पूजा करें और उन्हें लाल फूल, अक्षत, कुंकुम और सिन्दूर चढ़ाएं। इसके बाद उनके सामने घी या कपूर जलाकर आरती करनी चाहिए। अंत में देवी के मंत्रों का जाप करें।देवी कात्यायनी की पूजा में सफेद या पीले रंग का भी प्रयोग किया जा सकता है।

महत्व

देवी कात्यायनी शुक्र ग्रह पर शासन करती हैं।शत्रुओं पर विजय पाने के लिए भी देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है।वह स्वयं नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली देवी हैं।देवी कात्यायनी को अर्पित करें। मां कात्यायनी की पूजा में शहद अर्पित करें।  माना जाता है कि इससे सुंदरता बढ़ती है। विवाह से मधुरता आती है और धन का लाभ होता है।

देवी कात्यायनी मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

ॐ ह्रीं कात्यायन्यै स्वाहा, ह्रीं श्रीं कात्यायन्यै स्वाहा ॥

क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:। कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि । नन्द गोपसुतं देविपतिं मे कुरु ते नमः ॥

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी

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