Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि का चौथा दिन आज, इस मंत्र का जाप कर मां कुष्मांडा की करें पूजा-अर्चना, बरसेगी कृपा

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि का चौथा दिन आज, इस मंत्र का जाप कर मां कुष्मांडा की करें पूजा-अर्चना, बरसेगी कृपा

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि का आज चौथा दिन है। यह दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप देवी कूष्मांडा को समर्पित होता है। ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी के नाम से जाना जाता है। जब सृष्टि नहीं थी और चारों ओर अंधकार ही अंधकार था तब देवी के इस रूप ने ब्रह्मांड की रचना की थी। मां कूष्मांडा तेज की देवी हैं। इन्हीं के तेज और प्रभाव से दसों दिशाओं को प्रकाश मिलता है। इन्ही का तेज ब्रह्मांड के प्राणियों के भीतर निहित है।

 देवी कुष्मांडा सूर्यमंडल के भीतर के लोक में निवास करती है। सूर्यमंडल के लोक मे निवास करने की क्षमता और शक्ति केवल देवी के इसी स्वयरूप में है। मां के शरीर का तेज सूर्य के समान ही हैं। देवी कुष्मांडा सिंह पर सवार रहती है मां के हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा और एक हाथ में जपमाला है, देवी कुष्मांडा को सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली माना गया है।

 मां कूष्मांहडा की पूजा-विधि

 • मां कूष्मांडा की पूजा करते समय पीले रंग के वस्त्र धारण करें।

• पूजा के दौरान देवी को पीला चंदन लगाएं. कुमकुम, मौली और अक्षत चढ़ाएं।

• एक पान के पत्ते में सर लेकर ओम बृं बृहस्पते नमः मंत्र बोलते हुए मां को अर्पित करें।

• अब ॐ कूष्माण्डायै नम: मंत्र का जाप करें।

• पूजा करने के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

 देवी कुष्मांडा का मंत्र

या देवी सर्वभूतेषू मां कुष्मांडा रूपेण संस्थिता

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

मां कुष्मांडा का विशेष प्रसाद

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