Chaitanyananda Saraswati Scam: दिल्ली में मैनेजमेंट संस्थान में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा से गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, इन्होंने 40 करोड़ रुपये का घोटाला किया है और उसके पास से 2 पासपोर्ट मिले हैं। इसके अलावा उसके पास से फर्जी विजिटिंग कार्ड भी बरामद किए गए हैं। जिसमें से एक में वह खुद को यूनाइटेड नेशन का परमानेंट एंबेसडर बताता। बाबा रुतबा दिखाने के लिए पीएम दफ्तर के नाम का फर्जी इस्तेमाल करते थे।
घोटाले का हुआ पर्दाफाश
1998 में दिल्ली के LG ने वसंत कुंज में शारदा पीठ को प्लॉट आंवटित किया था जिस पर मठ बना है। बाबा को कुछ सीमित कामों के लिए मठ का अटार्नी बनाया गया था। 2008 में बाबा ने बिना इजाजत के कुछ लोगों के साथ मिलकर इंस्टीट्यूट का नाम बदल दिया। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मठ में 40 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया और बिना परमिशन से मठ की प्रॉपर्टी को किराए पर दे दिया गया।
दो नकली पासपोर्ट हुए बरामद
आरोपी बाबा के पास दो पासपोर्ट हैं, पहला पासपोर्ट स्वामी पार्थ सारथी के नाम से और दूसरा पासपोर्ट स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के नाम से है। बाबा ने ये दोनों पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनवाए थे। पहले पासपोर्ट में बाबा ने अपने पिता का नाम स्वामी घनानंद पुरी और मां का नाम शारदा अंबा लिखाया था। वहीं, दूसरे पासपोर्ट में उसने अपने पिता के नाम की जगह अपने गुरु का नाम स्वामी दयानंद सरस्वती और मां का नाम शारदा अम्बल था।
पुलिस को मिली ये चीजें
बाबा चैतन्यानंद सरस्वती के पास से पुलिस ने फर्जी विजिटिंग कार्ड बरामद किए हैं। यह दोनों ही विजिटिंग कार्ड फर्जी हैं। दिल्ली पुलिस ने पहला विजिटिंग कार्ड यूनाइटेड नेशन का बरामद किया है। इस विजिटिंग कार्ड के मुताबिक, बाबा खुद को यूनाइटेड नेशन का परमानेंट एंबेसडर बताते थे। इसके अलावा 3 फोन भी मिले हैं। बाबा फरारी के दौरान वृंदावन, आगरा और मथुरा के आसपास ही रहे। इस दौरान उन्होने करीब 13 से ज्यादा बार होटल बदले।
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