Canada: खालिस्तान समर्थक सार्जेंट हरिंदर सोही निलंबित, मंदिर पर हमले में था शामिल

Canada: खालिस्तान समर्थक सार्जेंट हरिंदर सोही निलंबित, मंदिर पर हमले में था शामिल

Attack On Brampton Hindu Temple: सोमवार को कनाडा के ब्रैम्पटन से हिंदुओं और मंदिरों पर खालिस्तानियों द्वारा हमले की तस्वीरों ने सबको हिला दिया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर कनाडा सरकार और उनके पुलिस की पक्षपातपूर्ण रवैया पर लोगों ने जमकर लताड़ लगाई। इस बीच पील रिजनल पुलिस ने सार्जेंट हरिंदर सोही को निलंबित कर दिया है। हरिंदर सोही, पील पुलिस में बतौर सार्जेंट कार्यरत थे। सोमवार को हिंदू मंदिर पर हुए हमले में हरिंदर सोही को खालिस्तानी झंडे के साथ देखा गया था।

गौरतलब है कि सोमवार को ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थकों और भारतीय मूल के लोगों में नोकझोंक हो गई। जिसके बाद खालिस्तानियों ने मंदिर परिसर के अंदर घुस कर हिंदुओं के साथ मारपीट की। जानकारी के अनुसार, खालिस्तानी आतंकी निज्जर के समर्थन में तमाम लोग जुटे थे। मौके पर भारत विरोधी नारे भी खालिस्तानियों ने लगाए थे। इसके अलावा पील पुलिस पर खालिस्तानियों का साथ देने का भी आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो है जिसमें पुलिस हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई करते दिखाई दे रही है।

पील पुलिस ने जारी किया बयान

ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमले के बाद दुनिया भर के लोगों ने ट्रूडो सरकार की जमकर आलोचना की। खालिस्तानियों द्वारा हमले की कई वीडियो भी सामने आया। जिसमें पील पुलिस का भेदभावपूर्ण रवैया दुनिया के सामने आ गया। लगातार दवाब बनने के बाद खालिस्तानियों के साथ पील पुलिस में काम करने वाले सार्जेंट हरिंदर सोही को निलंबित कर दिया है। इस मामले में जानकारी देते हुए पील पुलिस से एक प्रेस रीलीज भी जारी किया।

पील पुलिस ने कहा कि इस पुलिसकर्मी को कम्युनिटी सेफ्टी एंड पुलिसिंग एक्ट के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही पील पुलिस ने बताया कि विभाग इस घटना से जुड़ी परिस्थितियों की जांच कर रहा है और जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई साझा करेगा।

पीएम मोदी ने चिंता जाहिर की

कनाडा में लगातार खालिस्तानियों का मनोबल बढ़ रहा है। ऐसे में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहली बार इस मामले पर बयान सामने आया है। उन्होंने अपने एक्स पर लिखा, “मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही आकर्षक हैं। हिंसा की ऐसी हरकतें भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं करेंगी।' हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन कायम रखेगी।“

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