
EPFO Rules 2025: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में जल्द ही एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ईपीएफ और ईपीएस के लिए मौजूदा सैलरी सीलिंग को 15,000रुपये से बढ़ाकर 25,000रुपये करने की योजना बना रही है। यह फैसला अगर लागू होता है तो करीब 1करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को पेंशन कवरेज और रिटायरमेंट सेविंग्स में लाभ मिलेगा।
मौजूदा सैलरी लिमिट
बता दें, वर्तमान में, EPFO के नियमों के तहत कर्मचारियों की बेसिक सैलरी पर 12%का योगदान ईपीएफ में अनिवार्य है, लेकिन यह योगदान केवल 15,000रुपये की मासिक सैलरी तक ही सीमित है। यह सीलिंग 2014में 6,500रुपये से बढ़ाकर 15,000रुपये की गई थी। वहीं अब, लेबर यूनियनों की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए, EPFO इसे 25,000रुपये तक बढ़ाने पर विचार कर रहा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह समीक्षा जरूरी हो गई है, क्योंकि महंगाई और सैलरी स्तरों में वृद्धि के कारण पुरानी सीलिंग अप्रासंगिक हो गई है। सीबीटी की अगली बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है, जो 2026की शुरुआत में होने की संभावना है।
1करोड़ कर्मचारियों को कैसे होगा फायदा?
यह बदलाव मुख्य रूप से उन कर्मचारियों को लाभ पहुंचाएगा, जिनकी सैलरी 15,000 से 25,000 रुपये के बीच है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इससे करीब 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी ईपीएफ और ईपीएस (एम्प्लॉयी पेंशन स्कीम) के दायरे में आएंगे। इससे उनके रिटायरमेंट फंड में ज्यादा योगदान होगा, जिससे पेंशन की राशि बढ़ेगी। खासकर निजी क्षेत्र के कम सैलरी वाले कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ा राहत पैकेज साबित हो सकता है। हालांकि, उच्च योगदान के कारण इन-हैंड सैलरी थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन लंबे समय में रिटायरमेंट सिक्योरिटी मजबूत होगी।
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