
ED Action On Anil Ambani: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (आरएडीएजी) के खिलाफ अपनी जांच को और तेज कर दिया है। हाल ही में ईडी ने ग्रुप से जुड़ी 1,400 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया है, जिससे इस मामले में कुल जब्ती की राशि लगभग 9,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में की गई है, जिसमें यस बैंक से लिए गए लोन के दुरुपयोग का आरोप है। ईडी की यह आक्रामक रणनीति पिछले कुछ महीनों में कई बड़े जब्ती आदेशों के रूप में सामने आई है, जो ग्रुप की वित्तीय अनियमितताओं पर गहन जांच को दर्शाती है।
अनिल अंबानी और ED का शिकंजा
बता दें, ED की यह जांच मुख्य रूप से यस बैंक से 2017 से 2019 के बीच लिए गए लगभग 136 अरब रुपये के लोन पर केंद्रित है, जिसमें रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) और उसकी सहयोगी कंपनियों द्वारा ऋणों को 'एवरग्रीनिंग' के माध्यम से दुरुपयोग करने के आरोप हैं। ED का दावा है कि इन फंडों को शेल कंपनियों के जरिए घुमाया गया और बैंक अधिकारियों को रिश्वत देकर अनियमितताओं को सुविधा प्रदान की गई। इसके अलावा एक अलग मामले में फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े आरोप भी हैं, जिसमें रिलायंस पावर लिमिटेड शामिल है।
नवंबर 2025 की शुरुआत में ईडी ने 3,083 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया था, जिसमें 42 से ज्यादा संपत्तियां शामिल थीं। इसके अलावा धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी, नवी मुंबई में 132 एकड़ जमीन को 4,462 करोड़ रुपये की कीमत पर जब्त किया गया, जो बैंक फ्रॉड मामले से जुड़ा है।
अनिल अंबानी को ED का समन
मालूम हो कि रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को ईडी ने कई बार समन जारी किया है। हाल ही में, फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) उल्लंघन मामले में वे दूसरी बार समन पर हाजिर नहीं हुए, जिसके बाद ईडी ने नया समन जारी किया। अंबानी ने वर्चुअल डिपोजिशन की पेशकश की थी, लेकिन ईडी ने इसे अस्वीकार कर दिया और व्यक्तिगत उपस्थिति की मांग की।
इसके अलावा 14 नवंबर को एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया गया था, जो 2,929 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड से जुड़ा है। जांच के दौरान ईडी ने अमर नाथ दत्ता को गिरफ्तार किया, जो रिलायंस पावर से जुड़े फर्जी बैंक गारंटी मामले में शामिल थे। यह गिरफ्तारी मामले में तीसरी है, जो ग्रुप की कंपनियों द्वारा 68 करोड़ रुपये की फर्जी गारंटी जारी करने से संबंधित है।
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