बांग्लादेश में “जमात ए इस्लामी” से बैन हटा, भारत के खिलाफ रहा है ये कट्टर संगठन

बांग्लादेश में “जमात ए इस्लामी” से बैन हटा, भारत के खिलाफ रहा है ये कट्टर संगठन

Gov Lifts Ban on Jamaat E Islami: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरने और अंतरिम सरकार बनने के बाद भारत के खिलाफ लगातार चीजें सामने आ रही हैं। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चल रही अंतरिम सरकार कट्टरपंथियों को बढ़ावा दे रही है। मोहम्मद यूनुस की सरकार ने पूर्व पीएम शेख हसीना के द्वारा लिए गए निर्णय को पलट कर कट्टर इस्लामिक संगठन जमात ए इस्लामी के ऊपर से प्रतिबंध हटा लिया है।

बंग्लादेश सरकार ने अपने एक आदेश में कहा कि जमात ए इस्लामी के ऊपर लगे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं, इसलिए उनके  ऊपर लगे प्रतिबंध को हटाया जा रहा है। प्रतिबंध हटने के बाद जमात ए इस्लामी ने कहा है कि वो पार्टी का रजिस्ट्रेशन बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी। गौरतलब है कि साल 2013 में अदालत ने जमात ए इस्लामी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था।

शेख हसीना सरकार के समय लगा था प्रतिबंध

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के समय में जमात ए इस्लामी समेत कई कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, इस फैसले का जमकर विरोध भी किया गया था। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार आने से पहले जमात ए इस्लामी बीएनपी की हिस्सेदार थी। बांग्लादेश में कट्टरपंथी संगठनों को बढ़ावा देने में बीएनपी का बड़ा हाथ रहा है। हालांकि, शेख हसीना के सत्ता में काबिज होने के बाद जमात ए इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अदालत ने जमात ए इस्लामी को आतंकी गतिविधियों में शामिल बता कर बांग्लादेश में बैन कर दिया।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से हटाने में जमात ए इस्लामी का भी बड़ा रोल रहा है। शेख हसीना के खिलाफ हुए प्रदर्शन में भी जमात ए इस्लामी ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। इसका पुरस्कार भी उसे मिला। जमात ए इस्लामी के कई लोगों को अंतरिम सरकार में जगह भी दी गई है। और अब जमात ए इस्लामी पर लगे तमाम प्रतिबंध को भी हटा लिया है। मोहम्मद यूनुस की सरकार का यह कदम भारत विरोधी कदम माना जा रहा है। क्योंकि भारत में जमात ए इस्लामी को बैन किया गया है। जमात ए इस्लामी भारत विरोधी काम में शामिल रहा है। साथ ही वो भारत में कट्टरता फैलाना चाहता है।

भारत को दी नसीहत

जमात-ए-इस्लामी ने कहा कि भारत ने पूर्व में कुछ ऐसे काम किए हैं, जो बांग्लादेशियों को पसंद नहीं है। वहीं दूसरी तरफ यह संगठन चीन, पाकिस्तान और अमेरिका जैसे देशों से बेहतर संबंध बनाने और उनकी तारीफें करने से नहीं थक रहा। यह संगठन भारत विरोधी माना जाता है। अब इसका कहना है कि  “भारत हमारा पड़ोसी है और हम अच्छे, स्थिर और सामंजस्यपूर्ण द्विपक्षीय संबंध चाहते हैं। हालांकि, भारत ने अतीत में कुछ ऐसे काम किए हैं जो बांग्लादेश के लोगों को पसंद नहीं आए।” उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए, 2014 के बांग्लादेश चुनावों के दौरान, एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक ने ढाका का दौरा किया और निर्देश दिया कि किसे भाग लेना चाहिए और किसे नहीं। यह अस्वीकार्य था, क्योंकि यह पड़ोसी देश की भूमिका नहीं है।

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