Baloch Liberation Army: “पाकिस्तान छोड़ दो, नहीं तो कत्ल होगा”, बालूच आर्मी ने चीनी राष्ट्रपति को दे डाली खुली धमकी

Baloch Liberation Army: “पाकिस्तान छोड़ दो, नहीं तो कत्ल होगा”, बालूच आर्मी ने चीनी राष्ट्रपति को दे डाली खुली धमकी

China CPEC Project In Pakistan: पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अब बलूच लिबरेशन आर्मी की ओर से चीन को धमकी दी गई है। BLA ने चीनी नागरिकों को अपने इलाके से तुरंत निकल जाने को कहा है। साथ ही BLA ने कहा है कि अगर कोई चीनी नागरिक उनके इलाके में दिख जाते हैं तो उन्हें मार दिया जाएगा। इस काम के लिए BLA ने एक स्पेशल यूनिट का भी निर्माण किया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के अंदर CPEC कॉरिडोर परियोजना पर काम करने के लिए सैंकड़ों चीनी नागिरक वहां रह रहे हैं। BLA के लड़ाकों ने इन्हीं लोगों को देश छोड़ने का फरमान जारी किया है।

बता दें, BLA ने पाकिस्तान के अंदर तबाही मचा रखी है। एक दिन पहले ही BLA ने करीब 70 से अधिक लोगों की हत्या कर दी थी। मरने वालो में करीब 20 सेना और पुलिस के जवान भी शामिल थे। माना जा रहा है कि इन हमलों में लिब्रेशन आर्मी, बलूच लिब्रेशन फ्रंट और तहरीक-ए-तालिबान साथ मिल कर काम रहे हैं।

पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या कर रहा BLA

पिछले कुछ दिनों से बालूचिस्तान के इलाके में BLA ने पाकिस्तानी सेना और पुलिस की नींद हराम करके रखी है। जून के महीने में पाकिस्तानी सेना ने अजम ए इस्तेखामऑपरेशन लॉन्च किया था, जिसका मकसद बालूच आर्मी को कंट्रोल करना था। लेकिन पाक सेना का पासा उलटा पड़ गया। पाकिस्तान के इस कदम से BLA और भड़क गई। BLA ने ना सिर्फ सेना और पुलिस को निशाना बनाना शुरु किया बल्कि आम नागरिकों को भी मौत के घाट उतराना शुरु कर दिया। इसी दौरान अब BLA ने साफ शब्दों में चीन के राष्ट्रपति को चेतावनी दे डाली है। बालूच आर्मी ने कहा है कि चीनी नागरिकों को उनके क्षेत्र से जल्द से जल्द निलाक लिया जाए, नहीं तो परिणाम बहुत खतरनाक होगा। BLA ने चीनी नागरिकों पर हमला करने के लिए मजीद ब्रिगेड का गठन किया है। जो CPEC प्रोजेक्ट में काम करने वाले चीनी अधिकारियों को निशाना बनाएंगे।

बलूच लिबरेशन आर्मी क्या है?

बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) या बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मीखुद को बालूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाला संगठन बताता है। हालांकि, पाकिस्तान इसे आतंकी संगठन के रुप में देखती है। गौरतलब है कि ये बालूचिस्तान की मांग करने वाला सबसे पुराना देश है। यह संगठन पहली बार 1970 के दशक में वजूद में आया। इन्होंने जुल्फिकार अली भुट्टों की सरकार के समय सशस्त्र विद्रोह शुरू किया, लेकिन सैन्य तानशाह जियाउल हक की सत्ता पर कब्जे के बाद बलूच नेताओं के साथ हुई वार्ता के बाद उन्होंने संघर्षविराम कर लिया। इस कारण बलूचिस्तान में सशस्त्र बगावत खत्म हो गई और बलूच लिबरेशन आर्मी भी विलुप्त हो गई।

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