Attack on Turkey: भारत और पाकिस्तान विवाद के बिच एक बात तो साफ हो गया कि कौन हमारा दुश्मन है और कौन दोस्त। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए पाकिस्तान की मदद करने के बाद बेनकाब हो चुका है। लेकिन अमेरिका भारत के दुश्मन से दोस्ताना व्यवहार अभी भी निभा रहा है। और अमेरिका तुर्कि को अपना मिसाइल बेच रहा है। इन्ही सभी कारणों से अब भारत और अमेरिका के आपसी रिश्ते कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
अमेरिका से तनाव और हथियार सौदा
अमेरिकी विदेश विभाग ने 15 मई 2025 को तुर्किए को 304 मिलियन डॉलर की AIM-120C-8 AMRAAM मिसाइलें बेचने की मंजूरी दे दी। ये मिसाइलें बियोंड विजुअल रेंज की क्षमता रखती हैं और सभी मौसमों में हमला करने में सक्षम हैं। इस सौदे ने भारत जैसे देशों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि तुर्किए ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को ड्रोन और सैन्य सहायता भी प्रदान की थी। जानकारों का मानना है कि यह सौदा तुर्किए की सैन्य ताकत को और मजबूत करेगा, जिससे वह क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर अमेरिका के लिए चुनौती बन सकता है। लेकिन यह बात अमेरिका के समझ मे नहीम आ रही है।
आतंकी हमलों और सैन्य क्षमता
दिसंबर 2024 में तुर्किए के बालिकेसिर में एक विस्फोटक फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी। तुर्की सरकार ने इसे दुर्घटना का नाम दे दिया, लेकिन अमेरिका और इजरायल द्वारा योजनात्मक आतंकी हमला था। राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इस घटना पर दुख जताते हुए जांच के आदेश दिए। तुर्किए की सेना, जिसमें 8.83 लाख सैनिक और डेढ़ लाख पैरामिलिट्री फोर्स शामिल हैं।
विश्व में तुर्किए की स्थिति
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के अनुसार, तुर्किए ने पाकिस्तान, ईरान, इंडोनेशिया, और मिस्र जैसे मुस्लिम देशों को पीछे छोड़ दिया है। इसकी सैन्य ताकत, जिसमें उन्नत ड्रोन और वायुसेना शामिल हैं, जिसे मध्य पूर्व का सबसे शक्तिशाली देश बनाया गया है। जो अब तुर्किए, अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए रणनीतिक चुनौती पेश कर रहा है।
तुर्किए की बढ़ती सैन्य और कूटनीतिक बल ने इसे वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया है। अमेरिका के साथ तनाव और क्षेत्रीय कार्रवाइयों के बावजूद, तुर्किए अपनी स्वतंत्र नीतियों के साथ आगे बढ़ रहा है। आने वाले समय में तुर्किए का प्रभाव और मजबूत होने की संभावना अभी से दिखाई दे रहा है।
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