
Pakistan: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर जुल्म थमने का नाम नहीं ले रहा। अब पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के 54 साल पुराने धार्मिक स्थल को तोड़ दिया गया है। इसके साथ ही मीनारों को भी तोड़ दिया गया है। इसकी जानकारी जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के एक अधिकारी ने दी।
कहा जा रहा है कि ऐसा फैसला कट्टर पंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के दबाव में लिया गया। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के अधिकारी आमिर महमूद ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया कि एक दर्जन पुलिसकर्मियों को लाहौर के जहमान बुर्की इलाके में अहमदिया समुदाय के धार्मिक स्थल की मीनारों को तोड़ते देखा गया है। उन्होंने कहा, अहमदिया समुदाय के लोग देश में लगातार उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं, क्योंकि हाल ही में लाहौर के जहमान में अहमदिया धार्मिक स्थल की मीनारों को अपवित्र किया गया।
‘कोर्ट के आदेशों का सम्मान नहीं’
आमिर महमूद ने बताया कि, ‘बुधवार की सुबह वर्दी में एक दर्जन पुलिसकर्मियों और सिविल ड्रेस में चार पुलिसकर्मियों ने तोड़फोड़ की। कानून-व्यवस्था एजेंसियों की ओर से की गई बर्बरतापूर्ण कार्रवाई से साफ पता चलता है कि उन्हें लाहौर हाई कोर्ट के आदेशों का बिल्कुल भी सम्मान नहीं है।’आमिर महमूद ने कहा, कोर्ट के आदेशों में कहा गया है कि 1984 से पहले बने अहमदिया धार्मिक स्थलों में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है क्योंकि ये कानूनी हैं और इसलिए इन्हें बदला या गिराया नहीं जाना चाहिए।
लगातार होते रहते हमले
आमिर महमूद के अनुसार, अहमदिया धार्मिक स्थल को 1970में बनाया गया था, लेकिन बीते साल से कट्टरपंथी इस्लामिक लोगों से खतरा खड़ा हो गया। बीते साल पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के कम से कम 42धार्मिक स्थलों पर हमला हुआ था। बताते चलें,पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय पर उनके धार्मिक व्यवस्था को लेकर हमले किए जाते रहे हैं।
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