अमेरिका व्यापार वार्ता के बीच भारत ने की ट्रंप प्रशासन से डिमांड, टैरिफ पर कही ये बात मांग

India vs US Trade Talks: भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता में एक नया मोड़ आ खड़ा हुआ है। भारत ने ट्रंप प्रशासन से मांग की है कि वह सभी देशों पर लागू 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ को हटाए और 9 जुलाई से प्रस्तावित 16 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को भी लागू न करे। यह मांग दोनों देशों के बीच एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
टैरिफ विवाद का विवरण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को 180 से अधिक देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की थी। जिसमें भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ शामिल था। लेकिन 10 अप्रैल को ट्रंप प्रशासन ने भारत सहित 75 देशों पर अतिरिक्त टैरिफ को 90 दिनों के लिए यानी 9 जुलाई तक स्थगित कर दिया। फिर 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ लागू रखा। भारत ने इस टैरिफ को हटाने की मांग उठाया है। ताकि द्विपक्षीय व्यापार समझौते में प्रगति हो सके।
भारत का रुख और मांग
भारतीय ने स्पष्ट किया है कि टैरिफ में कमी दोनों पक्षों के लिए पारस्परिक लाभकारी होनी चाहिए। एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा “टैरिफ दोनों ओर से एकसाथ हटने चाहिए। हम चाहते हैं कि 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ और 9 जुलाई से प्रस्तावित 16 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क पूरी तरह समाप्त हो।” भारत ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि वह कई अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती करेगा लेकिन कृषि उत्पादों जैसे अनाज और डेयरी पर उच्च शुल्क बरकरार रखना चाहता है।
आर्थिक प्रभाव और अवसर
जानकारों का मानना है कि यदि अमेरिका भारत की मांग मान लेता है। तो यह भारतीय निर्यातकों विशेष रूप से रत्न और आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ा क्षेत्रों के लिए लाभकारी होगा। वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक सफल व्यापार समझौता भारत के निर्यात को बढ़ावा दे सकता है और नए बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित कर सकता है। अप्रैल 2025 में भारत के माल निर्यात में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। जो टैरिफ अनिश्चितता के बीच अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाने का परिणाम था।
ट्रंप का रुख और विश्व परिदृश्य
ट्रंप ने भारत को अपना अच्छा दोस्त बताते हुए कहा था कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर 52 प्रतिशत तक टैरिफ लगाता है। जिसके जवाब में उन्होंने 26 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किया। हालांकि भारत का कहना है कि वह अमेरिकी वस्तुओं पर शून्य टैरिफ की पेशकश करने को तैयार है बशर्ते कि अमेरिका भी अपनी टैरिफ नीति में नरमी बरते।
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