अमेरिका तोड़गा ईरान का सबसे सुरक्षित न्यूक्लियर का ठिकाना, इस हथियार का इस्तमाल कर

Iran vs Israel: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच ईरान का फोर्डो परमाणु संयंत्र एक बार फिर वैश्विक चर्चा का केंद्र बन गया है। यह संयंत्र जो कोम शहर के पास पहाड़ों की 300 फीट गहराई में बना है। ईरान का सबसे सुरक्षित और गुप्त न्यूक्लियर ठिकाना माना जाता है। जानकारों का दावा है कि केवल अमेरिका के पास ही इसे नष्ट करने की तकनीकी क्षमता है। और इसके लिए GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) बम का इस्तेमाल हो सकता है।
ईरान का गुप्त किला
फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट जिसे माउंट डूम के नाम से भी जाना जाता है। 2006 में बनना शुरू हुआ और 2009 में परिचालन में आया। यह संयंत्र 80-300 फीट मोटी चट्टानों के नीचे बना है। जो इसे पारंपरिक हवाई हमलों से सुरक्षित रखता है। ईरान ने इसे रूसी S-300 एयर डिफेंस सिस्टम और विशेष बलों की सुरक्षा प्रदान की है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अनुसार फोर्डो में 2,000 से अधिक हाईटेक IR-6 सेंट्रीफ्यूज हैं, जो 60% तक शुद्ध यूरेनियम क्षेत्र कर सकते हैं। यह क्षमता इसे परमाणु हथियार बनाने के लिए संभावित केंद्र बनाती है।
अमेरिका का GBU-57 धरती फाड़ने वाला हथियार
GBU-57 जिसे बंकर बस्टर बम के नाम से जाना जाता है। 13,600 किलो वजनी और 20 फीट लंबा है। इसमें 5,000 पाउंड से अधिक विस्फोटक होता है। जो 200 फीट से अधिक गहराई में कंक्रीट बंकरों को नष्ट कर सकता है। यह बम केवल अमेरिकी B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर द्वारा गिराया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि फोर्डो जैसे गहरे ठिकानों को भेदने के लिए कई MOP बमों की आवश्यकता हो सकती है।
अमेरिका की रणनीति
खबरों के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक बुलाई है। जिसमें फोर्डो को निशाना बनाने की रणनीति पर चर्चा हो सकती है। इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत नतांज और इस्फहान में ईरान के परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन फोर्डो अब तक बचा रहा है। इजरायली राजदूत येचिएल लीटर ने कहा फोर्डो को नष्ट किए बिना ऑपरेशन अधूरा है।
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