
India Savage Reply to America: अमेरिका ने एक बार फिर भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर उंगली उठाई है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता जताया है। साथ ही परोक्ष तौर पर भारत के खिलाफ उठाये जाने वाले कदमों के बारे में भी बताया गया है।
यह रिपोर्ट विदेश मंत्री एस जयशंकर की वॉशिंगटन में बैठक के कुछ घंटे बाद जारी की गई है। एस जयशंकर की बैठक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ थी। जानकार इस मध्यावधि रिपोर्ट, इसकी भाषा और समय को लेकर हाल के महीनों में भारत पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देख रहे हैं।
भारत ने दिखाया आईना
वहीं भारत ने दो टूक जबाव देते हुए कहा कि पक्षपाती और राजनीतिक एजेंडा चलाने की बजाय इस संगठन को अमेरिका में मानवाधिकार के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। एक तरफ अमेरिका भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत कर रहा है। साथ ही रूस पर तेल खरीदने, खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नु की हत्या की कथित साजिश व धार्मिक आजादी जैसे मुद्दे पर भारत पर उंगली उठा रहा है।
क्या कहा गया है रिपोर्ट में ?
यूएससीआईऐआरएफ द्वारा जारी रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ काम करने वाले भारतीय अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने, अमेरिका सरकार की भारत के साथ होने वाले रक्षा सौदे की नीति में धार्मिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने वाले शर्तों को शामिल करने की बात कही गई है। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि यूएससीआईआरएफ घटनाओं को तोड़ मरोड़ कर पेश करता है। उसे इस तरह का एजेंडा चलाने की बजाय अमेरिका के हितों पर ध्यान देना चाहिए।
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