
Sheikh Hasina Asylum: बांग्लादेश की स्थिति बिगड़ने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़ कर भारत आ गईं थी। पिछले कई दिनों से वो भारत में ही हैं। शेख हसीना लगातार अन्य देशों से राजनैतिक शरण मांगने के प्रयासों में लगी हुईं हैं। माना जा रहा है कि वो रुस, अमेरीका या ब्रिटेन से लगातार शरण मांग रही हैं। लेकिन इसके अलावा वो अन्य विकल्पों पर भी मंथन करने में लगी है। गौरतलब है कि अभी वो भारत में हैं। शेख हसीना से पिछले दिनों एनएसए अजीत डोवाल ने भी मुलाकात की थी। साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शेख हसीना को भारत में शरण देने को लेकर बयान भी दिया था।
अमेरीका या ब्रिटेन जा सकती हैं पूर्व प्रधानमंत्री ?
अमेरीका ने पिछले दस दशकों में कई राष्ट्राध्यक्षों को राजनैतिक शरण दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि शेख हसीना शरण के लिए अमेरीका जा सकती हैं। हालांकि, इसके लिए दोनों देशों के संबंधों को लेकर हमें बात करनी होगी। यूं तो अमेरीका ने समय-समय पर शेख हसीना को समर्थन करते हुए, चरमपंथ पर लगाम लगाने की मंशा जताई है। हालांकि, पिछले कुछ समय से अमेरीका शेख हसीना के विरुद्ध बयान दे रहा है। इतना ही नहीं, अमेरीका ने शेख हसीना को तानाशाह मानते हुए, उनपर वीजा पाबंदी लगा दी थी। दरअसल, इसी साल बांग्लादेश में हुए आम चुनाव को अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अनफेयर बताया था। इस बयान के बाद शेख हसीना ने अमेरीका को बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में बोलने से मना किया था। अब इस तरह के माहौल के बाद तो अमेरीका शेख हसीना को नागरिकता देने से रहा। और जब अमेरीका शेख हसीना के राजनैतिक शरण के खिलाफ होगा तो ब्रिटेन भी इस मामले में कुछ नहीं बोलेगा। इसीलिए अभी तक ब्रिटेन शेख हसीना के शरण को लेकर चुप्पी साधे हुए है।
रुस जाएंगी शेख हसीना?
शेख हसीना के राजनैतिक शरण के लिए रुस भी एक अच्छा विकल्प है। पिछले एक साल में रुस के साथ शेख हसीना का रिश्ता काफी अच्छा हुआ। पिछले साल अक्टूबर रुस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने बांग्लादेश में बन रहे परमाणु संयंत्र को फ्यूल देने की बात कही थी। इसके साथ ही शेख हसीना ने BRICS का हिस्सा बनने की मंशा भी जताई थी, जिससे उनका वेस्टर्न वर्ल्ड से दूरी झलकाता है। हालांकि, रुस के साथ इतने शानदार रिश्ते होने के बावजूद वो रुसक्यों नहीं जाना चाहती हैं। इसके कारण रुस पर लगे प्रतिबंध और कई ऐसे देशों से दुश्मनी है, जिससे शेख हसीना अपना रिश्ता खराब नहीं करना चाहती हैं। इसमें सउदी अरब और यूएई जैसे देश शामिल है। हालांकि, रुस भी पिछले लंबे समय से यूक्रेन से युद्ध लड़ रहा है, ऐसे में क्या रुस एक ऐसी पूर्व राष्ट्राध्यक्षों को अपने यहा शरण देगा, जिसे तानाशाह बताया जा रहा है।
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